रांची। भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि के अवसर पर कोकर स्थित समाधि स्थल पर जमशेदपर के पूर्व एसपी अरुण उरांव की पत्नी और पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव और उनके समर्थकों ने माल्यार्पण करने पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें और उनके साथ आए कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। इस आशय की जानकारी स्थानीय पुलिस प्रशासन से प्राप्त हुई है।
जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई 30 मार्च को केंद्रीय सरना स्थल के सामने से फ्लाईओवर रैंप हटाने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के सिलसिले में की गई है। इस प्रदर्शन में आदिवासी समाज के लोगों ने बैरिकेडिंग तोड़कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। गीताश्री उरांव के अलावा हेरेंज टोप्पो, कुंदरसी मुंडा, फुलचंद तिर्की, संगीता कच्छप, हर्षिता मुंडा, सन्नी हेमरोम, विजय उरांव, बाहा लिंडा, उर्मिला कच्छप, संदीप तिर्की, कलिका गाड़ी, सिमी मुंडा सहित कुल 15 से 20 कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है।
केंद्रीय सरना स्थल के सामने से फ्लाईओवर का रैंप हटाने की मांग को लेकर आदिवासी समाज लंबे समय से आंदोलनरत है। 30 मार्च को प्रशासन ने सरना स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर रखा था और मुख्य सड़क पर कई जगह बैरिकेडिंग की थी। इससे समाज के लोग आक्रोशित हो गए थे और बैरिकेडिंग तोड़कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे थे। इसी मामले में चुटिया थाना में पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव समेत 21 लोगों के खिलाफ नामजद और 150 से अधिक अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसी संदर्भ में गीताश्री उरांव समेत अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने की बात सामने आई है।
आदिवासी समाज का मानना है कि सरना स्थल के सामने फ्लाईओवर रैंप बनने से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। इस मुद्दे को लेकर समाज के लोगों में गहरा आक्रोश है और वे सरकार पर अपनी भावनाओं के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाते हैं। विपक्ष भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना कर रहा है और आदिवासी समाज के हक में अपनी आवाज उठा रहा है।

