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Sun. Dec 14th, 2025

IPS प्रभात कुमार: अपराध के अंधेरे में कानून की सबसे तेज़ रोशनी

धनबाद: अब आम जनता की शिकायतों को नजरअंदाज करना पुलिस अधिकारियों को भारी पड़ सकता है। धनबाद के वरीय पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि किसी भी शिकायत पर यदि समय पर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।एसएसपी ने कहा कि जनता का भरोसा कायम रखना पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है। “अगर शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होती है, तो इसका असर पूरे तंत्र की छवि पर पड़ता है, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,

जेल में बंद अपराधियों में भी है एसएसपी प्रभात कुमार का खौफ

धनबाद के वरीय पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार की सख्ती अब जेल की दीवारों के भीतर तक महसूस की जा रही है। जिले में उनके कार्यभार संभालने के बाद से अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई, जेल के अंदर से चल रहे आपराधिक नेटवर्क पर निगरानी, और गैंगवार पर नियंत्रण जैसी पहल ने जेल में बंद माफिया के बीच दहशत का माहौल बना दिया है।

सूत्रों के अनुसार, कुछ कुख्यात अपराधी अब जेल में भी सतर्क रहने लगे हैं और बाहरी संपर्क साधने से बच रहे हैं। वहीं, जेल प्रशासन को भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी आपराधिक गतिविधि या अनुशासनहीनता को बिल्कुल बर्दाश्त न किया जाए।

एसएसपी प्रभात कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि जेल के अंदर से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वाले अपराधियों और उनसे सहयोग करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

धनबाद में बदली कार्यशैली: समय के पाबंद हैं एसएसपी प्रभात कुमार

प्रभात कुमार (वरीय पुलिस अधीक्षक धनबाद)

धनबाद: आमतौर पर किसी नए जिले में एसपी की पोस्टिंग के बाद कुछ समय तक अधिकारी “सिस्टम समझने” के नाम पर आराम कर लेते हैं। कई बार देखा गया है कि कुछ वरीय अधिकारी दोपहर 12 बजे के बाद ही जनता से मुखातिब होते हैं, या फिर सरकारी नंबर पर कॉल करने पर जवाब देर से मिलता है।

लेकिन धनबाद के वरीय पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार इस पुरानी रवायत को तोड़ चुके हैं। उनकी कार्यशैली न केवल अनुशासन की मिसाल बन चुकी है, बल्कि पुलिस महकमे में भी एक नया संदेश दे रही है।

एसएसपी प्रभात कुमार हर दिन सुबह 10:30 बजे तक कार्यालय पहुंच जाते हैं और शाम 7 बजे तक लगातार काम में जुटे रहते हैं। चाहे जनता की शिकायतें सुननी हों या फिर फील्ड स्तर की समीक्षा करनी हो — वे खुद हर पहलू पर सक्रिय रहते हैं।

साइबर अपराधियों पर कड़ी नजर, पैरवी करने वाले भी जाएंगे हवालात: धनबाद पुलिस का सख्त रुख

धनबाद: जिले में साइबर अपराधियों के खिलाफ अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई देखने को मिल रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने साफ शब्दों में कहा है कि न केवल साइबर ठगों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, बल्कि उनकी पैरवी करने या उन्हें बचाने की कोशिश करने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा।

एसएसपी ने चेतावनी देते हुए कहा, “साइबर अपराध समाज के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। जो लोग इन अपराधियों की पैरवी या संरक्षण करते हैं, वे भी अपराध के भागीदार हैं और उनके खिलाफ भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।”

पुलिस सूत्रों के अनुसार, हाल के दिनों में कई ऐसे लोग चिन्हित किए गए हैं जो पकड़े गए साइबर अपराधियों को छुड़ाने के लिए दबाव बनाने या सिफारिशें करने की कोशिश कर रहे थे। अब ऐसे मामलों में सख्त कानूनी कदम उठाने की तैयारी चल रही है।

        मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ प्रभात कुमार

यह अफसर न तो दबाव में आता है और न ही किसी को बख्शता है।

झारखंड में जब भी किसी जिले में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ता है, तो राज्य सरकार का भरोसा आईपीएस प्रभात कुमार पर ही जाता है। उनकी सख्त कार्यशैली और बेखौफ निर्णयों ने उन्हें अपराधियों के लिए “खौफ का पर्याय” बना दिया है।

वर्ष 2019 में जब रामगढ़ जिले के पतरातू और गिद्दी जैसे इलाकों में अपराधी भोला पांडेय के भतीजे किशोर पांडेय का दबदबा बढ़ने लगा था, और हजारीबाग जेल में बंद विकास तिवारी व्यापारियों को धमकाने का सिलसिला जारी रखे हुए था—तब सरकार ने प्रभात कुमार को रामगढ़ एसपी की जिम्मेदारी सौंपी। परिणामस्वरूप, अपराधियों की कमर टूट गई और कई नामचीन अपराधी रामगढ़ की सीमा में घुसने से भी डरने लगे।

इसी तरह जमशेदपुर में जब कुख्यात गैंगस्टर अखिलेश सिंह के शूटर हरीश सिंह और कन्हैया सिंह ने आतंक मचा रखा था, तब प्रभात कुमार ने न सिर्फ उन्हें गिरफ्तार किया, बल्कि उन्हें सरेआम सड़कों पर पैदल घुमाकर यह संदेश दिया कि अपराध का अंजाम कितना शर्मनाक हो सकता है।

 

 

 

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