जमशेदपुर:दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा की शिकार महिला प्रीतिका कौर के झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता अंजनी आनंद ने आरोप लगाया है कि कोर्ट से नोटिस मिलने के बाद उसके पति अमनदीप सिंह ने पुलिस और यूट्यूब चैनल वालों की मदद से प्रीतिका का चरित्र हनन कर, केस को कमजोर करने की साजिश रची।
प्रीतिका ने अपने पति और ससुरालवालों पर दहेज प्रताड़ना, मारपीट और शारीरिक उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था। केस के बाद पति अमनदीप ने 24 मई की रात सीतारामडेरा थाना की पुलिस और कुछ यूट्यूबरों को साथ लेकर प्रीतिका के किराए के घर पर छापा मारा। प्रीतिका बीमार थी और उसका पारिवारिक मित्र सिमरनजीत सिंह दवा देने आया था। उसी मौके का फायदा उठाकर अमनदीप ने “अय्याशी” का झूठा आरोप लगाया और यूट्यूबरों से वीडियो बनवाया, जिसे बाद में सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया।
इसके बाद पुलिस ने प्रीतिका और उसके मित्र को थाने ले जाकर हाजत में बंद कर दिया और प्रीतिका का मोबाइल भी छीन लिया गया, जिससे वह किसी से संपर्क नहीं कर सकी। वकील अंजनी आनंद की सूचना पर जब एसएसपी कौशल किशोर ने हस्तक्षेप किया, तब जाकर अगली शाम 5:30 बजे प्रीतिका को रिहा किया गया।
रिहाई के समय ससुराल पक्ष ने 50-60 की भीड़ के साथ थाने को घेर लिया और प्रीतिका के भाई पर हमला कर उसे घायल कर दिया। अधिवक्ता ने सवाल उठाया कि किसी महिला को रात में थाने ले जाना कानूनन गलत है। यह घटना न सिर्फ कानून, बल्कि पत्रकारिता की भी गंभीर अवहेलना है।प्रीतिका अभी भी इस घटना के सदमे में है।