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Wed. Jan 22nd, 2025

कुल्हाड़ी घाट में 36 घंटे तक चली मुठभेड़: 14 नक्सली ढेर, कोबरा जवान घायल

गरियाबंद (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ और ओडिशा पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। गरियाबंद जिले के कुल्हाड़ी घाट के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में 14 नक्सली मारे गए। यह कार्रवाई करीब 36 घंटे तक चली, जिसमें सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ घने जंगलों में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया।

 

कैसे हुई मुठभेड़ की शुरुआत?

 

पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित कुल्हाड़ी घाट के जंगलों में बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। इस सूचना के बाद दोनों राज्यों की पुलिस ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन की योजना बनाई। सोमवार सुबह भालुडिग्गी की पहाड़ियों में सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन शुरू किया। सुरक्षाबलों ने चारों ओर से नक्सलियों को घेर लिया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।

 

महिला नक्सलियों की भी हुई मौत

 

सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और नक्सल सामग्री बरामद की है। शुरुआती सर्चिंग में दो शव बरामद हुए, जिनमें एक पुरुष और एक महिला नक्सली शामिल थे। मुठभेड़ रातभर जारी रही और मंगलवार सुबह तक 10 और नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई। सूत्रों के अनुसार, मारे गए नक्सलियों में कुछ महिला नक्सलियों के शामिल होने की संभावना है।

 

कोबरा बटालियन का जवान घायल

 

इस ऑपरेशन में कोबरा बटालियन का एक जवान घायल हो गया। घायल जवान को रायपुर एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए भेजा गया, जहां उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, यह मुठभेड़ सुरक्षाबलों के लिए बड़ी कामयाबी है।

 

सर्च ऑपरेशन जारी

 

घटना के बाद पुलिस ने आसपास के क्षेत्रों में सर्चिंग अभियान तेज कर दिया है। अधिकारियों का मानना है कि जंगलों में और भी नक्सली छिपे हो सकते हैं। इसके साथ ही, सर्च ऑपरेशन के दौरान और शव तथा हथियार बरामद होने की संभावना है।

 

बड़ी सफलता, नक्सल नेटवर्क पर असर

 

छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर यह मुठभेड़ नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस ऑपरेशन से नक्सल नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों को बल मिलेगा।

 

स्थानीय प्रशासन की भूमिका

 

मुठभेड़ के बाद स्थानीय प्रशासन ने आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है। ग्रामीणों को सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को देने की अपील की गई है। साथ ही, इस ऑपरेशन के बाद क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों पर नियंत्रण पाने की रणनीति को और मजबूत किया जा रहा है।

 

नक्सलियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का संदेश

 

इस ऑपरेशन ने नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के मजबूत इरादे को स्पष्ट कर दिया है। सरकार और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी। यह मुठभेड़ सुरक्षा बलों की वीरता और साहस का प्रतीक है, जिसने नक्सलियों के खौफ को कम कर क्षेत्र में विश्वास बहाल किया है।

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