पुनः मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं उपायुक्त से इसके समाधान की रखी मांग*
सिंहभूम चैम्बर ने पिछले एक-दो वर्षों से घाटशिला अनुमंडल के चाकुलिया क्षेत्र में हाथियों द्वारा उत्पात/उपद्रव मचाने और यहां के औद्योगिक प्रतिष्ठानों, एफसीआई गोदाम, मकान, स्कूल भवन में तोड़-फोड़ कर आतंक मचाने, गरीब किसानों के खेतों की फसलों को तबाही करने, लोगों की जानें लेने पर चिन्ता जाहिर करते हुये जिले के उपायुक्त अनन्य मित्तल, भा.प्र.से. का पत्र के माध्यम से ध्यानाकृष्ट कराते हुये इस मामले में हस्तक्षेप कर इसके समाधान निकालने का आग्रह किया है। पत्र की प्रतिलिपि राज्य के माननीय मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन तथा मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी, भा.प्र.से. को भी प्रेषित कर इसका जल्द से जल्द समाधान करने की मांग रखी है। यह जानकारी मानद महासचिव मानव केडिया ने दी।
अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि पिछले एक-दो वर्षों से घाटशिला के चाकुलिया क्षेत्र में हाथियों द्वारा उत्पात/उपद्रव मचाया जा रहा है। हाथियों के यहां आकर उत्पात मचाने से यहां के औद्योगिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत मजदूरों, सुरक्षा प्रहरियों के साथ ही यहां के ग्रामीणों में भी भय का माहौल व्याप्त है तथा वे डरे-सहमें हुये हैं। अध्यक्ष ने बताया कि चाकुलिया में पिछले कई वर्षों से काफी संख्या में उद्योग एवं कल-कारखाने अवस्थित हैं। हाथी इन औद्योगिक प्रतिष्ठानों की चाहरदीवारी को तोड़कर अंदर प्रवेश कर जाते हैं तथा वहां के मशीनों, सामानों इत्यादि को नुकसान भी पहुंचाते हैं। हाथियों के इस तरह औद्योगिक प्रतिष्ठानों में घुसकर उत्पात मचाने से यहां काम कर रहे मजदूर डरे हुये हैं तथा अपने जानमाल की सुरक्षा की चिन्ता उन्हें लगी रहती है इस कारण वे विलंब से औद्योगिक प्रतिष्ठानों मेें पहुंचते हैं तथा समय से पहले वापस लौट जाते हैं। इससे उनका और औद्योगिक प्रतिष्ठानों का काम प्रभावित हो रहा है। जिन क्षेत्रों में हाथी प्रवेश करते हैं वहां की विद्युत सप्लाई घंटों बंद कर दी जाती है जबतक कि हाथी वहां से निकल न जाय। विद्युत सप्लाई लगातार घंटों बंद रहने से कारखानों का काम ठप पड़ जाता है और मजदूरों को असमय छुट्टी देना पड़ता है जिससे उत्पादन में लगातार गिरावट हो रही है। लेकिन मजदूरों को उनकी पूरी मजदूरी औद्योगिक प्रतिष्ठानों को देना पड़ता है। इस स्थिति में उद्योगों का संचालन करना उनके समक्ष मुश्किल हो रहा है। इसलिये सिंहभूम चैम्बर ने राज्य के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे इसपर हस्तक्षेप कर इसका समाधान जल्द से जल्द निकालें जिससे यहां के अस्त-व्यस्त हो चुके जीवन यापन फिर से नार्मल हो सके।
अध्यक्ष ने कहा कि चाकुलिया के लोगों का कहना है हाथी भोजन-पानी की तलाश में चाकुलिया में घुसते हैं। इसलिये चैम्बर ने उपायुक्त महोदय को सुझाव देते हुये आग्रह किया है कि हाथियों के भोजन-पानी की व्यवस्था चाकुलिया के बाहर की जानी चाहिए जिससे हाथी इसके लिये चाकुलिया में न घुसे। यह एक उपयुक्त कदम हो सकता है। उन्होंने जानकारी दी कि सिंहभूम चैम्बर ने पूर्व में भी इसके लिये चैम्बर के सरकार एवं प्रशासन को अवगत कराया था और इसपर कार्य करने से हाथियों का उत्पात कुछ हद तक कम हुआ था लेकिन फिर से वही ंस्थिति उत्पन्न हो रही है।
इसपर चैम्बर उपाध्यक्ष अनिल मोदी ने कहा कि यह एक ग्रामीण क्षेत्र है जहां पुराने उद्यमियों द्वारा वर्षों पहले उद्योग स्थापित किया गया था और यहां रोजगार उत्पन्न हुये लेकिन इन परिस्थितियों के कारण वो बंद होने के कगार पर पहुंच जायेंगे। जिससे यहां का विकास पूरी तरह रूक जायेगा और बेरोजगारी बढ़ेगी तथा राज्य के राजस्व को भी नुकसान होगा। इन परिस्थतियों से आज की नई पीढ़ी यहां उद्योग स्थापित करने के बजाय यहां से पलायन कर दूसरे राज्यों/स्थानों में नौकरी या व्यवसाय कर रहे हैं।
सचिव भरत मकानी ने कहा कि हाथियों का झुण्ड औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ ही गरीब किसानों के खेतों में खड़ी फसलों को तबाह कर रहे हैं साथ ही एफसीआई गोदाम, मकान, स्कूल भवन में भी घुसकर तोड़-फोड़ कर आतंक मचा रहे हैं और लोगों की जान ले रहे हैं। वहां का जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है।
चैम्बर के अन्य पदाधिकारियों उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, पुनीत कांवटिया, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सचिव अंशुल रिंगसिया, बिनोद शर्मा, सुरेश शर्मा लिपु एवं कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया ने भी उपायुक्त, मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव से आग्रह किया है कि वे इस मामले पर जनहित, व्यवसायहित में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर इसका समाधान निकाले।