चांडिल अनिल अग्रवाल और स्थानीय राजनेता का नरसिंह इस्पात लिमिटेड दृढ़ता से वन भूमि और सरकारी भूमि अतिक्रमण के निराधार आरोपो और अपवाहा का खंडन करता है.उक्त बाते नरसिंह इस्पात कंपनी के निदेशक अजय सिंह ने स्थानीय होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में कही. उन्होंने कहा हमारी 27 एकड़ रैयती जमीन पर कंपनी स्थापित है, जिसका म्यूटिसन भी अंचल द्वारा नरसिंह इस्पात कंपनी के नाम पर है. हमारी कंपनी का 27 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा का आरोप बेबुनियाद है.चौका थाने में कांड संख्या57/22 में अनिल अग्रवाल के विरुद्ध कंपनी का करोड़ों का कोयला गबन का मामला दर्ज है. साथ ही धनबाद और बोकारो दोनो जिला में 14 मामले कोयला चोरी और धोखाधड़ी के केस दर्ज है। हमारी कंपनी ने श्रम कानून का पालन करते हुए स्थानीय 75 प्रतिशत से अधिक लोगो को रोजगार के अवसर प्रदान करता है. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्धारित मानको में कारखाने की गतिविधियां संचालन होती है. साथ ही झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी के प्रदूषण नियंत्रण मामले में उत्कृष्ट प्रदूषण नियंत्रण में 5 स्टार का सैटिफिकेट प्रदान किया गया है.रही बात एलिफेंट कोरिडोर की तो ये जंगली हाथी कोरिडोर से बाहर है. हमने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से स्थापना सहमति प्राप्त करने के बाद ही अनापत्ति दी गई है. उन्होंने कहा नरसिंह इस्पात कंपनी निर्धारित सभी मानकों का पालन करते हुए लगभग 20 वर्षो से सफलता पूर्व निर्विवाद रूप से चल रही है और स्थानीय लोगो के जीविका उपार्जन में महत्वपूर्ण भूमिका का निभा रही है.
बाइट नरसिंह इस्पात कंपनी निदेशक अजय सिंह,