जमशेदपुर धातकीडीह के रहने वाले झामुमो नेता फिरोज खान को केस उठाने, रंगदारी मांगने, और व्हाट्सएप पर जान से मारने की धमकी देने के मामले में जमशेदपुर सिविल कोर्ट ने नोटिस जारी करने का आदेश दिया था। लेकिन आदेश के खिलाफ फिरोज खान हाई कोर्ट गए थे। वहां पर भी वे हार गए। अब जेल जाने के अलावा फिरोज खान के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। अशफाक खान ने कदमा थाना में फिरोज खान, सज्जाद उर्फ सट्टा, जफर फैजल हक उर्फ चिंटू, और परवेज खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था। अशफाक खान के अनुसार उसके पिता ठेकेदार मुस्ताक खान ने रंगदारी मांगने का मामला दर्ज कराया था।
आरोपी फिरोज खान ने मुकदमा को उठा लेने और ₹100000 की रंगदारी उनसे मांगी थी। आरोपियों ने 26 अक्टूबर 2020 की रात लगभग 9:00 बजे कदमा के गणेश पूजा मैदान के पास उनको रोका था। इस बीच मारपीट की गई और पॉकेट से उनके ₹25000 लूट लिए गए थे। कदमा पुलिस ने घटना के बाद सट्टा उर्फ जाफर खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामले में पुलिस फिरोज खान को गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। उसके खिलाफ एसडीजेएम कोर्ट ने जून 2022 को गैर जमानती वारंट और 15 मार्च 2023 को सीआरपीसी की धारा 82 के तहत नोटिस जारी करने का आदेश दिया था। नोटिस के खिलाफ फिरोज खान ने उच्च न्यायालय की शरण ली थी। वहां भी उसे हार का सामना करना पड़ा। इसके पहले फिरोज खान की अग्रिम याचिका जिला एवं सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया था। इधर एसडीजेएम कोर्ट ने अशफाक खान एवं उनके पिता मुस्ताक खान को व्हाट्सएप पर जान से मारने की मिल रही धमकी को मद्देनजर किस के अनुसंधानकर्ता को कारण बताओ नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
झामुमो नेता फिरोज खान द्वारा जान से मारने और रंगदारी मांगने के मामले पर कोर्ट ने जारी किया नोटिस, जल्द हो सकते है गिरफ्तार
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