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मृत्यु जीवन का अन्तं नहीं है, मृत्यु ही अन्ततं जीवन की शुरुआत है: फादर कमल

मृत्यु जीवन का अन्तं नहीं है, मृत्यु ही अन्ततं जीवन की शुरुआत है: फादर कमल

कब्र पर्व को लेकर ईसाई समुदाय कब्रिस्तान में जाकर विशेष विनती की

महुआडांड़ संवाददाता शहजाद आलम की रिपोर्ट

 

2 नवंबर को ऑल सोल डे (कब्र पर्व) को लेकर प्रखंड महुआडांड़ के ईसाई समुदाय के कब्रिस्तानों में विशेष विनती प्रथाओं का आयोजन किया गया।इस बार भी अलग अलग गाँव अम्बोटोली, गुड़गुड़टोली, बहराटोली, विश्रामापूर, गोठगांव, साले, रेगाई, कुरूद, कुरो कला, चम्पा, कुरूद, के कब्रिस्तान समेत सहित चर्च में प्रर्थाना सभा आयोजित की गई ।

 

मृत परिजनों को याद करने का पर्व

ग्राम अम्बाटोली और शांतिपूर के सयुंक्त कब्रिस्तान में फादर कमल कन्डुलना द्वारा मिस्सा पूजा कराई गई। जहाँ उन्होंने बताया कि मृत्यु जीवन का अन्तं नहीं,मृत्यु ही अन्ततं जीवन की शुरुआत है, इसलिए सभी विश्वासीयों हमेशा ही तैयार रहना चाहिए कि कब पिता परमेश्वर के द्वारा बुलावा आ जाऐ । ज्ञात हो कि रोमन कैथोलिक एवं जर्मन चर्च के मसीही विश्वासी अपने मृत प्रियजनों की याद में यह पर्व मनाते हैं। इस दिन कब्रिस्तान में मिट्टी को समर्पित हो चुके अपने पूवर्ज, सगे परिजनों को याद किया जाता है। यह उनकी भावना और अपनों से घनिष्ठता को दर्शाता है। इसी क्रम में कब्र पर फूल चढ़ाए गये ।पुरोहितों की ओर से धार्मिक अनुष्ठान के बाद कब्र की आशीष की गई ।कब्र पर्व के पुर्व इसाई समुदाय के लोग संतों का पर्व मनाते हैं।

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