*ऐसे तो प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन कभी भी, ना तो जरूरतमंदों का नाम या उनका तस्वीर कहीं साझा करता है, उद्देश्य रहता है तो सिर्फ और सिर्फ मानव सेवा और जरूरत के वक्त जरूरतमंदों की सहायता करना. कभी राम रहीम के लिए, तो कभी रहीम राम के लिए यही सबसे बड़ा मिसाल है हमारे भारत देश का. परंतु सोनिया मुंडा एक ऐसा शख्स है जो अपने स्वास्थ्य होने पर उनके इस दुख की घड़ी में जब हर दिन सिंगल डोनर प्लेटलेट्स यानी एसडीपी रक्त की जरूरत पड़ रहा था एवं काफी जद्दोजहद के साथ अपनी जिंदगी से लड़ रहा था, तो वहां के स्थानीय कर्मठ समाजसेवी हमारे आदरणीय मित्र पोल्टु मंडल जी के विनम्र आग्रह पर, निरंतर उन्हें एसडीपी रक्त उपलब्ध कराया जा रहा था. यह तो एक भाईचारे का मिसाल है कि सोनिया मुंडा जी मिलने का इच्छा जाहिर किया, प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन ने उन्हें उन तमाम पुरानी यादों को भूलने को कहा, क्योंकि यह हम सबों का कर्तव्य के तहत मानव सेवा का एक जीवन का अध्याय है. काफी मना करने के बाद भी, हमने इस शर्त पर राजी हुए कि आपने जिस विपरीत परिस्थिति में अपने स्वास्थ्य लाभ हेतु लड़ाई लड़ा है, और मौत को मात देकर जिस तरह से आपने फिर से एक नई जिंदगी हासिल किया है, इसके लिए आज एक प्रतीक चिन्ह देकर आप को सम्मानित करते हुए हम अपने आपको गौरवान्वित महसूस करेंगे. इस पावन बेला पर उपस्थित रहे जमशेदपुर ब्लड बैंक जीएम संजय चौधरी, प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन के निर्देशक अरिजीत सरकार पोटका के जाने-माने समाजसेवी पोल्टु मंडल एवं सोनिया मुंडा.*
पोटका निवासी सोनिया मुंडा स्वास्थ्य होने पर प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन एवं जमशेदपुर ब्लड बैंक पहुंचकर जताया आभार

