*गारू एवम बारेसाढ़ के जंगलों में लगी आग , आग बुझाने में वन विभाग विफल*
गारू संवाददाता उमेश यादव की रिपोर्ट
*वन जीव जंतु ,वन औषधि , बेसकीमती पेड़ पौधे एवम बांन्स जल कर खाक*
गारू । पलामू व्याघ्र परियोजना के गारू पूर्वी ,गारू पश्चमी एवम बारेसाढ़ प्रक्षेत्र के द्वारसेनी, मारोमार, तिसिया, चेतमा ,लोहरगड़ा, कोटाम, साल्वे समेत कई आरक्षित वन क्षेत्रों में भारी पैमाने पर आग लगी हुई है ।जिसमे वन औषधीय ,जीव जंतु, बेसकीमती पेड़ पौधे समेत बांस जल कर खाक हो रहे हैं । वन में लगी आग को बुझाने में वन प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है ।ज्ञात हो कि भयंकर आग की लपटें वन में लगे पेड़ पौधो को अपने चपेट में लेते हुए तेजी से दूसरे वन क्षेत्रों में भी फैल रहा है । इस विषय मे पूछे जाने पर बारेसाढ़ के प्रभारी वन पाल परमजीत तिवारी ने बतलाया कि आग बुझाने के लिए वन विभाग की टीम सदा ततपर है ,इस मुहिम में वन रक्षी, ट्रैकर, क्यूआरटी की टीम,स्ट्राइक फोर्स, होमगार्ड , टीपीएफ की टीम लगे हुए हैं जल्द ही आग पर काबू पा लिया जाएगा । हालांकि आग लगने की वजह उन्होंने वन प्रशासन एवम ग्रामीणों के समन्वय में हो रही कमी को माना ।
इस विषय मे नाम न छापने की शर्त पर ट्रेकरों ने बतलाया कि पूरे बारेसाढ़ वन क्षेत्र में आग पर काबू पाने के लिए 17 फायर ब्लोवर का वितरण किया गया है जो आग पर पर काबू पाने के लिए सक्षम है लेकिन आग बुझाने के लिए वन प्रशासन ने मात्र 40 लीटर तेल एवम खाने के लिए मात्र 1 बोरी सत्तू का ही वितरण किया है जबकि आग बुझाने में करीब 200 से भी ज्यादा वन कर्मी लगे हुए हैं । ऐसे में भूखे प्यासे आग बुझाने में हम असक्षम हैं । फायर ब्लोवर के लिए मात्र 40 लीटर ही वन प्रशासन से पेट्रोल मिला है जो कि आग बुझाने में कब का खत्म हो चुका है इसलिए आग हमे हाथ से ही बुझाना पड़ रहा है , वन प्रशासन से हमे पेट्रोल मांगने पर भी नही मिल पा रहा है इसलिए आग पर काबू नही हो पा रहा है ।
वही ग्रामीणों की माने तो वे वन में आग पर काबू नही पाने की वजह प्रभारी रेंजर तरुण कुमार को मान रहे हैं । ग्रामीणों ने कहा कि इस रेजर का कार्यकाल ग्रामीणों के प्रति काफी असंतोषजनक रहा है । इनसे पहले के रेंजर ग्रामीणों के साथ मैत्री व्यवहार रखते थे ,जिससे वन में आग लगने पर वन प्रशासन की मदद के लिए ग्रामीण हमेशा ततपर रहते थे जिसकी वजह से आग पर काबू जल्दी पा लेते थे । लेकिन रेंजर तरुण कुमार ग्रामीणों के साथ हमेशा अभद्र व्यवहार करते रहते हैं । इसलिए ग्रामीण वन प्रशासन का आग बुझाने में मदद नही कर रहे । इस बात का पक्ष लेने के लिए रेंजर तरुण कुमार का फोन मिलाने की कोशिश की गयी लेकिन आउट ऑफ नेटवर्क कवरेज एरिया बतलाया । जिसकी वजह से पक्ष नही लिया जा सका । समाचार लिखने तक आग आरक्षित वन क्षत्रो में भयावह रूप ले चुका था ।