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Fri. Mar 28th, 2025

मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने सदन में महुआडांड़ में पोस्टमार्टम हाउस और सड़क को लेकर किए प्रश्न।

मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने सदन में महुआडांड़ में पोस्टमार्टम हाउस और सड़क को लेकर किए प्रश्न।

मनिका विधानसभा क्षेत्र के विधायक रामचंद्र सिंह के द्वारा सदन में महुआडांड़ को लेकर अपनी बातें रखी गई जिसमें उन्होंने कहा की महुआडांड़ को अनुमंडल का दर्जा प्राप्त हुए 10 वर्ष बीत गया है लेकिन अभी तक पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण नहीं कराया गया महुआडांड़ निवासियों को अपरिहार्य घटना पर पोस्टमार्टम हेतु लातेहार जिला मुख्यालय जाना पड़ता है जिसकी दूरी लगभग एक तरफ से 120 किलोमीटर है आवागमन में पूरा दिन भी जाता है यदि उपरोक्त खंडों के उत्तर स्वीक्रात्मक है तो क्या सरकार महुआडांड़ अनुमंडल के लोगों की कठिनाइयों को देखते हुए यहां पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण करने का विचार रखती है। हां तो कब तक नहीं तो क्यों। उत्तर प्रतिवेदन में बताया गया कि महुआडांड़ को अनुमंडल का दर्जा प्राप्त होने के 10 वर्ष बाद भी महुआडांड़ अनुमंडल अस्पताल पोस्टमार्टम हाउस सहित भवन का निर्माण का कार्य विभागीय स्तर से प्रस्तावित है प्रखंड महुआडांड़ में अनुमंडल अस्पताल के निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता संबंधी मांग पत्र के आलोक में तत्वाधान ने उपायुक्त लातेहार द्वारा भेजा गया है विभागीय पत्रांक 188 दिनांक 29 2021 एवं 198 दिनांक 28 2022 (5) द्वारा प्रबंध निदेशक झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड रांची के डीपीआर जिसके सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है डीपीआर उपलब्ध होने पर अग्रसर कार्रवाई की जाएगी। वही दूसरे प्रश्न में उन्होंने कहा कि लातेहार जिला अंतर्गत नेतरहाट से बराही भाया सिरसी तक 7 किलोमीटर पथ निर्माण कराने से महुआडांड़ से नेतरहाट की दूरी अत्यंत ही कम हो जाएगी जो कि आदिम जनजाति बहुल ग्राम पड़ता है जिन्हें आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और उस पथ का कुछ हिस्सा वन विभाग में भी पड़ता है जिसका एनओसी नहीं दिया गया यदि उपरोक्त खंडों के उत्तर स्वीकारत्मक हैं तो क्या सरकार इस पथ के लिए वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेते हुए इसी वित्तीय वर्ष में पथ निर्माण कराने का विचार रखती है हां तो कब तक नहीं तो क्यों। इस प्रश्न के जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया की प्रश्न स्वीक्रात्मक है। और वन विभाग से अनापत्ति प्राप्त होने पर बजट उपलब्ध एवं विभागीय नीति के आलोक में अग्रसर कार्रवाई की जा सकेगी।

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