चुप नहीं रहना है हिंसा नहीं सहना हैं, बेटियों ने महिला हिंसा, यौन उत्पीड़न के खिलाफ बुलंद की आवाज!
घरेलू महिला हिंसा पखवाड़ा के तहत बुधवार को लुंडी गाँव में महिलाओं ने कन्या भ्रूण हत्या यौन उत्पीड़न दहेज बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई!
लातेहार- घरेलू महिला हिंसा पखवाड़ा के तहत बुधवार को लुंडी गाँव में महिलाओं ने कन्या भ्रूण हत्या यौन उत्पीड़न दहेज, बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज़ उठाई गाँव के नीलाम्बर पीताम्बर विधा निकेतन लुंडी गाँव में आयोजित कार्यक्रम में शामिल महिलाऐं घरेलू महिला हिंसा बंद करो, भ्रूण हत्या पर रोक लगाओ, बाल विवाह बंद करो, भीख नही अधिकार चाहिए, जीने का सम्मान चाहिए, यौन हिंसा पर रोक लगाओ आदि नारे लगाये महिलाओं ने घरेलू महिला हिंसा, बाल विवाह पर रोक लगाने की मांग किया, दर्जनों महिलाओं पुरूषों ने भ्रूण हत्या, दहेज, गैरबराबरी, महिलाओं यौन उत्पीड़न के खिलाफ हस्ताक्षर करके इसे जड़ से मिटाने का संकल्प लिया!
नीलाम्बर पीताम्बर जन कल्याण सेवा समिति व आदिवासी विमेंस नेटवर्क की ओर से आयोजित कार्यक्रम में समिति के सचिव लाल मोहन सिंह ने कहा कि 74-75 साल बाद आज भी समाज में लड़कियों और महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा हैं जबकि संवैधानिक व्यवस्था ने सबको सम्मान अधिकार दिऐ हैं समाजिक व्यवस्था के कारण महिलाओं और लड़कियों को बराबरी का अधिकार नहीं प्राप्त हो पा रहा हैं इसलिए समाजिक व्यवस्था में बदलाव लाना जरूरी है कयोंकि सख्त कानून बनने के बावजूद आये दिन लड़कियों और महिलाओं के साथ छेड़खानी बलात्कार घरेलू हिंसा की घटनाएं हो रही हैं जो कि सभ्य समाज के लिए बहुत चिंतनीय बात है इस लिए लड़कियों और महिलाओं को अपने हक और अधिकार के लिए आगे आकर खुद पहल करना होगा! जिला परिषद सदस्य आशा देवी ने कहा कि भारत में हिंसा कई रूप में होता हैं घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान, दुव्यर्वेहार, तस्करी, डायन के नाम पर प्रताड़ना/हत्या, ऑनर किलिंग, इत्यादि! साक्षय बताते हैं कि 70 प्रतिशत महिलाऐ और लड़कियां अपने जीवन में किसी न किसी रूप में हिंसा का सामना करती हैं इससे भी अधिक चौकाने वाला तथय यह है कि 10 में से 5 से 7 महिलाओं और पुरषो का मानना है कि यह ठीक है अगर एक आदमी अपनी पत्नी को मारता है जब वह अपने घरेलू कार्यो को करने में विफल होती है! कोरोना महामारी के बाद लैंगिक हिंसा का दर बढ़ कर पहले से अधिक हो गया हैं! ऐसे में यह बेहद जरुरी बनता है कि सभी लोग एकजुट होकर हिंसा मुक्त जीवन के लिए संघर्ष करें!
नीलाम्बर पीताम्बर विधा निकेतन के प्रबंधक संतोष कुमार सिंह ने ग्रामवासियों से लड़कियों को जयादा से ज्यादा पढा़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की अपील किया! कार्यक्रम में स्वागत मनफिरन सिंह ने और संचालन ललीता कुमारी धन्यवाद ज्ञापन भावी मुखिया प्रत्याशी बिमला देवी ने किया कार्यक्रम में मुख्य रूप से बाबुलाल सिंह रामकृत सिंह बलराम सिंह सबिता देवी लालमणि देवी सोनी कुमारी सीतामनी देवी मनिता देवी प्रतिमा कुमारी लाखो देवी ललीता देवी संतोषी देवी सुनीता कुमारी उषा देवी सोहराई सिंह इत्यादि लोग शामिल थे!