जंगल, पहाड़ और नदियों से आच्छादित महुआडांड़ को प्रकृति ने तमाम उपहारों से नवाजा है जिसकी खुबसूरती देखने लायक है। प्रखंड के ओरसापाठ पंचायत अंतर्गत जलप्रपात सुरकई फाॅल की खूबसूरती देखते ही बन रही है। जलप्रपात को घेरे हरियाली समेटे पहाड़ भी खूबसूरती में चार चांद लगा रही हैं। बारिश के दिनों में फॉल का जलस्तर बढ़ जाता है। और पानी का बहाव तेज हो जाता है। वही इसकी सुंदरता देखने काफी संख्या में स्थानीय पर्यटक हर दिन पहुंच रहे हैं।
सुरकई फाॅल को विकसित करने की जरूरत।
सुरकई फाॅल सरकारी उपेक्षा के कारण विकसित होने से वंचित है। ओरसापाठ वन प्रक्षेत्र के अंतर्गत संघन जंगलों के बीच अवस्थित जलप्रपात चारो ओर जंगल से घिरा हुआ है। बरसात में यहां तक पहुंचना मुश्किल भरा सफर है। जिला मुख्यालय लातेहार से 105 किलोमीटर और प्रखंड मुख्यालय महुआडांड़ से इसकी दूरी 15 किलोमीटर है। यह झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र से सटा है। यहां पर्यटन की असीम संभावनाए हैं। जलप्रपात का पानी काफी उंचाई से गिरता है। जिसका नजारा काफी दर्शनीय होता है। प्रसिद्ध लोध फॉल जलप्रपात के बाद प्रखंड में सुरकई जलप्रपात भी पर्यटकों के लिए दूसरा मनमोहक स्थल हो सकता है। अगर वन विभाग और पर्यटन विभाग इसकी सुधी ले तब।