झारखण्ड पुलिस ने यूपी में बंधक गढ़वा के मजदूरों को कराया मुक्त, 11 नाबालिग शामिल
राजधानी न्यूज़ गढ़वा ब्यूरो बबलू खान की रिपोर्ट
आधार कार्ड, पैन कार्ड और मोबाइल छीनकर उन्हें कैद कर रखा गया था
झारखण्ड पुलिस ने यूपी में बंधक गढ़वा के मजदूरों को कराया मुक्त, 11 नाबालिग शामिल
गढ़वा :
झारखण्ड के गढ़वा जिले के नगर उंटारी थाना क्षेत्र के गरबाँध गांव के बंधक बनाए गए 13 आदिवासी युवकों को पुलिस ने मुक्त करा लिया है। झारखण्ड पुलिस की एक टीम गुरुवार की देर रात उन्हें लेकर मुजफ्फरनगर से नगर उंटारी पहुंची।
गौरतलब हो कि गरबाँध के बिरझु उरांव ने 19 जुलाई को गांव के 16 युवकों को उत्तर प्रदेश के मुजफरनगर में बंधक बनाए जाने को लेकर प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। इनमें से 3 युवक गोपाल उरांव, जितेंद्र उरांव व शिवधारी उरांव 2 दिन पूर्व ही चंगुल से मुक्त होकर भागकर गांव आ गए थे। जबकि अनिल उरांव, सुभाष उरांव, विनय उरांव, नागेंद्र उरांव, रौशन उरांव, अनुज उरांव, बिहारी उरांव, अखिलेश उरांव, छोटू उरांव, अर्जुन उरांव, प्रमोद उरांव, मितेन्द्र उरांव व विमलेश उरांव को पुलिस ने यूपी पुलिस के सहयोग से मुक्त कराकर गुरुवार देर रात नगर उंटारी ले आयी।
गढ़वा एसडीपीओ अवध कुमार यादव ने बताया कि मुक्त कराये गए प्रवासी मजदूरों में 11 नाबालिग बच्चे शामिल हैं। उन्हें सीडब्लूसी के समक्ष पेश किया जाएगा। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी है।
मुक्त हुए मजदूरों ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि यूपी के चुर्क थानांतर्गत सीधी कला निवासी अरुण सिंह काम दिलाने के लिए मुजफरनगर ले गए थे। 20 जून को हमलोग गए थे। वहां जाने के बाद सभी को अलग अलग जगहों पर काम के लिए लगा दिया गया। साथ ही हमलोगों का आधार कार्ड, पैन कार्ड, मोबाइल सहित जरूरी अन्य दस्तावेज भी छीन लिया गया था। एक दूसरे से संपर्क भी नही करने दिया जा रहा था। ना ही हमलोगों को पैसे दिए जा रहे थे। कैद करके रखा गया था। अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था।