गुरुवार को महुआडांड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज को लेकर बड़ी लापरवाही देखने को मिला। मामला सुबह 9:45 से 11:15 बजे की है।एक महिला मदीना खातुन का आरोप है कि वह अपने दो सिरीयस मरीज को लेकर महुआडांड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आई परंतु उसका इलाज समय पर नहीं होने से मदीना ने हंगामा शुरू कर दिया।इस दौरान जब मदीना खातुन से बातचीत किया गया तो वह पुरे गर्म मिजाज में बताने लगी की मैं डेढ़ घंटे से दो सिरीयस मरीज को लेकर आई हुं और इमरजेंसी वार्ड में रखी हुं पर डेढ़ घंटे से बोलने के बावजूद ना तो कोई सीनियर डाक्टर आ रहा है ना तो कोई जुनियर डाक्टर मरीज का इलाज करने आ रहा है। सभी केवल तमाशा देख रहे हैं।मरीज के बारे पुछने पर बताई कि एक 22 वर्ष की महिला है जो खांसी और बलगम से सांस लेने में परेशानी हो रही है वहीं दुसरी 95 वर्ष की बुढ़ी मां है जो बार बार बेहोश हो जा रही है।इस परिस्थिति में 11:15 समय होने के बावजूद ना तो ओपीडी खोला गया है ना ही एमरजेंसी में कोई डाक्टर आ रहा है। जबकि डाक्टर गणेश राम मौजूद हैं और अपने रुम में मौजूद हैं।मरीज की जानकारी होने पर भी वे मरीज को देखने नहीं आ रहे हैं। वहीं मरीज का बेटा नूरुल होदा ने बताया कि यहां के कर्मचारी जो बैठे थे उनके द्वारा कहा जा रहा है कि इलाज करवाने आए हो इलाज करवाओ ज्यादा हंगामा करोगे तो मरीज को रेफर कर दिया जाएगा। तुम पत्रकार को बुलाते हो राजनीति करते हैं इस तरह का भाषा का प्रयोग किया गया। महिला ने बताया कि हमलोग ग्राम लुरगुमी पाकरडीह की रहने वाले हैं।वह पुछ रही है कि मरीज की जान-माल की छती होती है तो उसका जिम्मेवार कौन होगा।
वहीं इस संबंध में चिकित्सा प्रभारी डॉ अमित खलखो से पुछने पर बताया कि हम फाइलेरिया को लेकर बैठक के लिए एसडीओ कार्यालय में है।डाॅ गणेश राम केंद्र में मौजूद है।परंतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सभी लोग मनमानी तरीके से काम करते हैं। समय पर कोई भी अपना काम नहीं करता है।मैं कार्य के प्रति कितनी बार बोल चुका हूं। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र में डाक्टर की कमी है।