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ड्रोन ने अपना बलिदान देने के पहले कोबरा के जवानों की बड़ी टीम को ब्लास्ट की चपेट में आने से बचाया था माओवादियों के आईईडी ब्लास्ट में खोजी कुत्ता ‘ड्रोन’ शहीद, ससम्मान दी गई अंतिम विदाई 

ब्यूरो बबलू खान की रिपोर्ट गुमला

 

ड्रोन ने अपना बलिदान देने के पहले कोबरा के जवानों की बड़ी टीम को ब्लास्ट की चपेट में आने से बचाया था

 

माओवादियों के आईईडी ब्लास्ट में खोजी कुत्ता ‘ड्रोन’ शहीद, ससम्मान दी गई अंतिम विदाई

 

 

झारखण्ड के गुमला में माओवादियों के द्वारा लगाई गई बारूदी सुरंग की चपेट में आकर कोबरा 203 बटालियन का खोजी कुत्ता ‘ड्रोन’ शहीद हो गया। हालाँकि अपना बलिदान देने के पहले उसने बहादुरी दिखाते हुए कोबरा जवानों की एक बड़ी टीम को बारूदी सुरंग की चपेट में आने से बचा लिया। इस ब्लास्ट में ड्रोन का हैंडलर भी बुरी तरह घायल हो गया था।

बता दें कि माओवादियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के दौरान मंगलवार की सुबह ड्रोन और उसका हैंडलर विश्वजीत कुम्भकार घायल हो गए थे। बाद में घायल जवान को एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए रांची भेजा गया था।

 

 

 

मेल बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के ड्रोन की उम्र छह वर्ष और नौ माह थी और वह कोबरा 203 बटालियन के साथ दिसंबर 2015 से प्रतिनियुक्त था।

 

 

 

नक्सलियों द्वारा बिछाई आईईडी की चपेट में आ कोबरा का जवान और खोजी कुत्ता घायल

 

सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि ड्रोन ने अपने करियर में झारखण्ड के ज्यादातर हिस्सों में अबतक 83 अभियानों में भाग लिया था। पारसनाथ पहाड़ में 2016 उसकी मदद से 40 किलो विस्फोटकों से भरे चार कैन बरामद किये गए थे। इसके अलावा उसने डेटोनेटर, कोर्टेक्स, मोबाइल फ़ोन, वाकी-टाकी, जीपीएस समेत अन्य वस्तुओं की खोज की थी और पूर्व में भी कई अवसरों पर सुरक्षा बलों को नुकसान से बचाया था।

 

 

 

सीआरपीएफ जवानों ने शहीद ड्रोन को अंतिम विदाई देते समय उसके अप्रतिम बलिदान साहस को याद किया। तिरंगे में लिपटे उसके पार्थिव शरीर को जवानों ने सम्मान के साथ सलामी दी।

 

बाद में तय मानकों के अनुसार शहीद की पार्थिव देह को दफना दिया गया।

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