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क्या पुलिसया गुंडागर्दी के सामने समाज का चैथा स्तंभ कहलाने वाला पत्रकार सुरक्षित है!

सिमरिया पुलिस की गुंडागर्दी चरम पर, क्षेत्रीय अखबार के पत्रकार से की मारपीट

 

 

एसपी साहब आपके बिगड़ैल पुलिसवालों की लगाम आपके हाथ में हैं या किसी और के जिन्हें आपका जरा सा भी डर नहीं ?

 

क्या आपके पास कोई ऐसा तंत्र है जो भ्रष्ट पुलिस कर्मियों को मौके पर रंगे हाथों पकड़ सके?

 

वाहन चेकिंग के दौरान कुछ भ्रष्ट पुलिसकर्मी अपनी जेब भरते हैं उस पर आप क्या कार्यवाही करेंगे?

 

सिमरिया में पुलिसिया गुंडागर्दी ऐसे ही चलती रहेगी या फिर समाज में रह रहे लोगों के साथ कैसा बर्ताव करना है क्या यह पुलिस सीख पाएगी ?

 

समाज का चैथा स्तंभ कहलाने वाले पत्रकार इस माहौल में निर्भीक एवं निष्पक्ष पत्रकारिता पाएंगे या उन्हें पत्रकारिता छोड़ देनी चाहिए?

 

क्या पुलिसया गुंडागर्दी के सामने समाज का चैथा स्तंभ कहलाने वाला पत्रकार सुरक्षित है!

 

यदि एक पत्रकार के साथ ऐसा व्यवहार किया जा सकता है तो आमजन के साथ क्या हाल होता होगा!

 

 

 

_सिमरिया थाना क्षेत्र के बारा गांव में दो गुटों में मारपीट घटना की कवरेज करने पहुचे क्षेत्रीय अखबार के पत्रकार को सिमरिया पुलिस ने कवरेज करने से रोक कर जमकर मारपीट की। वहीं सरकारी राइफल दिखाकर जान से मारने की धमकी दी। साथ ही पत्रकार का मोबाइल फोन छीन लिया। मामले को लेकर पीड़ित पत्रकार ने थाना में दो पुलिस के खिलाफ मारपीट का आवेदन दिया है। अब देखना यह है कि क्या सीनियर पुलिस अधिकारी ऐसे पुलिस कर्मियों के ऊपर लगाम लगा पाएंगे और इस घटना पर कार्यवाही करेंगे या फिर इन पुलिस कर्मियों की गुंडागर्दी ऐसे ही देखने को मिलेगी! गौरतलब है कि सिमरिया पुलिस की करतुत किसी से छिपी नही है। दुसरो को सदाचार नसीहत ज्ञान देने वाले पुलिस खुद किस कदर सदाचार है यह देखने को आये दिन मिल ही जाता है।_

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