सुचनार्थ प्रकाशनार्थ, 26 जून 2021
किसानों के प्रदर्शन का सात माह होने पर
झारखंड राज्य किसान सभा ने कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस पर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका
किसान विरोधी कृषि कानूनों और चार श्रम संहिताओं को वापस ले भाजपा सरकार : अयुब खान
किसान विरोधी मोदी सरकार की कॉरपोरेट परस्त आर्थिक नीतियों के कारण तेजी से बढ़ रही है महंगाई
चंदवा। किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के देशव्यापी आह्वान पर झारखंड राज्य किसान सभा ने कोरोना गाईडलाइन का पालन करते हुए किसानों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए हिसरी गांव में कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस मनाया इस क्रम में प्रधानमंत्री का पुतला भी दहन किया, अध्यक्षता साजीद खान ने किया, नए कृषि कानूनों को वापस लो, लोकतंत्र की हिफाजत करो, महंगाई पर रोक लगाओ, मोदी सरकार होस में आओ आदि नारे किसान लगा रहे थे, किसान सभा के जिला अध्यक्ष अयुब खान ने कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस मे शामिल किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज 26 जून को किसानों के प्रदर्शन के सात महीने हो गए, किसानों ने कंपकंपाती सर्दी, तूफानों, तपा देने वाली गर्मी का सामना किया और वे अब आ रहे मानसून का भी सामना कर रहे हैं, करीब 500 किसानों ने अबतक बलिदान भी दिया लेकिन कॉरपॉरेट समर्थित केंद्र की भाजपा सरकार कृषि कानूनों और चार श्रम संहिताओं को लागू करने पर आमादा है, किसान विरोधी कृषि कानूनों और चार श्रम संहिताओं को वापस ले लेना चाहिए भाजपा सरकार को यदि इसे वापस नहीं लेती है तो पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से भी बुरा हश्र युपी विधानसभा चुनाव में भाजपा का होगा, उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों व गरीब व जनविरोधी कॉरपोरेट परस्त आर्थिक नीतियों के कारण महंगाई तेजी से बढ़ रही है, दूसरी ओर पेट्रोल डीजल रसोई गैस के मूल्यों में भी भारी वृद्धि से जनता पर महंगाई का भारी बोझ डाल दिया गया है, बेड, ऑक्सीजन, दवा नहीं मिलने के कारण कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हजारों लोगों की जान चली गई, लॉकडाउन के दौरान अमीर और अमीर हो गए, वहीं मिडिल क्लास और गरीब तबके का बुरा हाल हो गया देश में बढ़ रहे रोजी रोटी के संकट ने गरीबों को भारी परेशानियों में डाल दिया है, बैजनाथ ठाकुर ने कहा कि सरकार कोविड महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर से निपटने में पूरी तरह नाकाम रही, झाराकिसभा ने सरकार से किसान विरोधी तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने, न्युनतम समर्थन मुल्य की कानुनी गारंटी देने, पेट्रोल डीजल व रसोई गैस के बढ़े दाम वापस लेने, बढ़ती महंगाई पर रोक, खाद्य पदार्थों की बढ़ी कीमतें कम करने, बिना राशन कार्ड वाले जरूरतमंद को मुफ्त राशन देने, गैर आयकर दाता सभी परिवारों को 75 सौ रूपए प्रति माह आर्थिक सहायता, राशन में दाल, चीनी, तेल आदि सभी आवश्यक चीजें शामिल करने, सभी को राशन किट देने, कोरोना से हुई मौत पर परिवारों को चार लाख मुआवजा देने और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की मांग की है, इस अवसर पर बैजनाथ ठाकुर, द्वारीका ठाकुर, संजीत कुमार, जीवन मिंज, सुटा कुमार, सुरेन्द्र कुमार, बीतन नायक, भीखन नायक, अमीत कुमार, फहमीदा बीवी, शिला देवी, सरीता देवी, अंजली कुमारी, जयंती देवी, नगीना देवी, किलोईया देवी, सबनम कुमारी, सबीता कुमारी व अन्य शामिल थे।