नई दिल्ली, भले ही युवाओं के लिए टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है, पर अभी भी युवाओं के मन में टीके को लेकर कई तरह के संशय बरकरार है। द्वारका सेक्टर-6 स्थित मणिपाल अस्पताल में बाल चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. विकास तनेजा बताते हैं कि मौजूदा आपातकाल स्थिति से उबरने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र विकल्प है। कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक-वी तीनों ही टीके पूरी तरह सुरक्षित हैं। ऐसे में कौन-सा टीका लगवाना उचित होगा इस पर किसी प्रकार का संशय गलत है।
युवा के शरीर पर टीके का नकारात्मक प्रभाव नहीं
मौजूदा हालात को देखे तो जो भी टीका उपलब्ध हो हमे वहीं लगवा लेना चाहिए, क्योंकि अब चुनने का समय नहीं है।
जहां तक टीके के प्रभाव की बात है, वह कम और ज्यादा हो सकता है पर वह व्यक्ति क्षमता पर निर्भर करता है। युवा के शारीरिक विकास पर टीके का कोई नाकारात्मक प्रभाव नहीं है।
हल्की परेशानी से ना घबराएं
हां, टीका लगवाने के बाद हल्के लक्षण जैसे बुखार, इंजेक्शन वाले स्थान पर दर्द और शरीर में दर्द जैसी समस्या हो सकती है और ये स्वाभाविक है। किसी को थोड़ी ज्यादा परेशानी हो सकती है और किसी को बिल्कुल परेशानी नहीं होगी। छोटे बच्चे को जब टीका लगाया जाता है तो उसे भी इस तरह की परेशानी होती है, ऐसे में घबराने वाली बात नहीं है।
टीके बाद संक्रमण पर जानें जरूरी बात
इसके अलावा युवाओं के मन में एक सवाल यह भी है कि टीका लगवाने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे है, पर गौर करने वाली बात यह है कि ऐसे लोगों में संक्रमण का प्रभाव कम है और ऐसे लोग होम आइसोलेशन में रहकर ही स्वस्थ हो रहे है। टीका कभी भी जीवनभर सुरक्षा की गारंटी नहीं देता है, जैसे-जैसे वायरस म्यूटेट होगा वैक्सीन को भी अपडेट किया जाएगा और उसी के अनुरूप टीका लगाने की योजना में भी सरकार बदलाव करेगी।