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गारू में ईसाईयों ने मनाये गुड फ्राइडे का त्यौहार

उमेश यादव

गारू:- गारू प्रखंड के मायापुर में ईसाईयों ने गुड फ्राइडे का त्यौहार मनाये। बातचीत में लोगों ने बताये कि,गुड फ्राइडे को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह ईसाई समुदाय के लोगों के लिए काफी अहमियत रखता है।इस दिन को ‘शोक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

कई नाम से इस त्यौहार को जाना जा सकता है

ईसाई धर्म उपासक आश्रित कुजूर ने बताया कि, गुड फ्राइडे को होली डे, ब्लैक डे, ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन ईसाई समुदाय के लोग चर्च जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं। बाइबिल के अनुसार, प्रभु ईसा मसीह ने शुक्रवार के दिन ही अपने जीवन का बलिदान दिया था। यही कारण है कि,उनकी याद में गुड फ्राइडे मनाया जाता है। यही वो दिन था जिस दिन प्रभु ईसा मसीह को तमाम शारीरिक यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया था।

मसीह नें दिये थे मानवता का संदेश

प्रभु ईसा मसीह ने दिया था लोगों को मानवता का संदेश कहा जाता है कि लगभग दो हजार वर्ष पहले यरुसेलेम के गैलिली राज्य में ईसा लोगों को मानवता, परोपकारिता, एकता और अहिंसा का उपदेश दे रहे थे। उनके उपदेशों से प्रभावित होकर वहां के लोगों ने उन्हें ईश्वर मानना शुरू कर दिया। इस बात से वहां धार्मिक अंधविश्वास फैलाने वाले धर्मगुरु उनसे चिढ़ने लग गए थे।

काँटों की ताज पहनाने के बाद कील ठोककर सूली पर चढ़ा दिये गये

येसु मसीह अब सूली पर चढ़ाए गए थे क्योंकि प्रभु यीशु लोगों के बीच लोकप्रिय हो चुके थे। यह बात वहां के ढोंगी धर्मगुरुओं का अखरने लगी। उन लोगों नें ईसा की शिकायत रोम के शासक पिलातुस से कर दिये। उन्होंने पिलातुस को बताया कि खुद को ईश्वरपुत्र बताने वाला यह युवक पापी होने के साथ ईश्वर राज की बातें भी करता है। शिकायत मिलने के बाद ईसा पर धर्म की अवहेलना के साथ राजद्रोह का आरोप भी लगाया गया। इसके बाद ईसा को क्रूज पर मृत्यु दंड देने का फरमान जारी कर दिया गया। कोड़े-चाबुक बरसाने और कांटों का ताज पहनाने के बाद कीलों से ठोकते हुए ईसा को सूली पर लटका दिया गया। बाइबल के अनुसार, ईसा को जिस जगह सूली पर चढ़ाया गया था, उसका नाम गोलगोथा बताया जाता है।

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