प्रवासी मजदूरों को अब दूसरे प्रदेशों में रियायती दर पर राशन खरीदने में कोई परेशानी नहीं होगी। ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ के तहत लाभार्थी किसी भी प्रदेश में किसी भी राशन की दुकान से अपनी पात्रता के मुताबिक राशन ले सकता है। इसके लिए किसी नए राशन कार्ड की भी जरूरत नहीं है। इसको और आसान बनाने के लिए सरकार ने मेरा राशन ऐप शुरू किया है।
आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत पर मेरा राशन ऐप लॉन्च करते हुए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि यह ऐप प्रवासी मजदूरों के लिए बहुत लाभदायक साबित होगा। इसके जरिए जहां वह खुद को रजिस्टर कर सकते हैं। इसके साथ लाभार्थी यह पता लगा सकते हैं कि उनकी पात्रता कितनी है।
पिछले छह माह के दौरान लाभार्थी ने किस-किस दुकान से कितना राशन लिया है। साथ ही यह ऐप लाभार्थी को उसके आसपास के क्षेत्र में मौजूद राशन की दुकान का पता भी बताएगा।
वन नेशन-वन राशनकार्ड
सुधांशु पांडे ने कहा कि इस योजना से 32 राज्य जुड चुके हैं। दिल्ली, पश्चिम बंगाल, असम और छत्तीसगढ कुछ माह में जुड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सभी राशन की दुकानों पर ई-पोस मशीन लग चुकी हैं। राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान साढ़े 15 करोड़ लाभार्थियों ने दूसरी जगह से राशन लिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना से पहले इस योजना से सिर्फ 12 राज्य जुड़े थे, पर इस समय यह संख्या 32 है।