28 तरह ले लाइसेंस के स्थान पर एक लाइसेंस व्यवस्ता को लागू करने का आग्रह
जमशेदपुर:प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में पीएलआई पर आयोजित एक वेबिनार में भारत में व्यापार करने में आसानी की सुविधा के लिए केंद्र और राज्य स्तर के कानूनों के तहत सरकार की लगभग 6000 अनुपालन को समाप्त करने की योजना का स्वागत करते हुए इसे प्रगतिशील कदम बताया है और इसी श्रृंखला में श्री मोदी का ध्यान जीएसटी कानूनों और नियमों का पालन करने में विभिन्न स्तरों पर लगभग 60 प्रकार के अनुपालन की ओर दिलाया है और आग्रह किया है की इनमें गैर जरूरी अनुपालन के प्रावधानों को ख़त्म कर जीएसटी क़ानून एवं नियमों को सरल बनाया जाए तथा जीएसटी कर प्रणाली की समीक्षा की जाए ! कैट ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से यह भी आग्रह किया है की व्यापार करने के लिए विभिन्न प्रकार के लगभग 28 लाइसेंस के स्थान पर एक लाइसेंस प्रणाली को शुरू किया जाये तथा देश में प्रत्येक व्यावसायिक संस्थान जो माल की बिक्री या किसी भी प्रकार की सेवाएं प्रदान करने में लगे हुए हैं को एक केंद्रीय पंजीकरण व्यवस्था के अंतर्गत लाया जाए ! इस तरह के कदमों से न केवल कर आधार विकसित होगा बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों दोनों को अधिक राजस्व भी प्राप्त होगा !
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को आज भेजे एक पत्र के आलोक में कैट के राष्ट्रीय सचिव श्री सुरेश सोन्थलिया ने कहा कि 6000 अनुपालन को समाप्त करने की प्रधानमंत्री की घोषणा एक साहसिक कदम है जिसकी अपेक्षा केवल प्रधानमंत्री मोदी से ही जा सकती हैं क्योंकि वो स्वयं देश में छोटे व्यवसायों को बेहतर व्यापारिक अवसर देने के प्रबल पक्षधर हैं ! प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा वर्ष 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में व्यापारियों की बड़ी भूमिका है !
श्री सोन्थलिया ने प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में कहा की व्यापारियों सहित कृषि को छोड़कर देश के गैर-कॉर्पोरेट क्षेत्र को व्यवसाय करने में बहुसंख्यक कानूनों एवं नियमों का पालन करना पड़ता है जिससे व्यापार में जटिलता बढ़ती है और बेहद आम व्यवसाय को भी अनेक गैर -जरूरी वैधानिक पालनाओं की पीड़ा को भुगतना बढ़ता है जिससे अस्वस्थ व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा मिलता है और बड़ी मात्रा में भ्रष्टाचार पनपता है ! जीएसटी के तहत 60 प्रकार के अनुपालन और कई अन्य प्रावधानों के बारे में प्रधानमंत्री श्री मोदी का ध्यान आकृष्ट करते हुए श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली काफी जटिल हो गई है और आसान तरीके से व्यापार करने में एक बड़ी बाधा साबित हुई है। कर अधिकारियों को दी गई मनमानी शक्तियां सरकार द्वारा घोषित कर विभागों में फेसलेस मूल्यांकन और फेसलेस कार्य के एजेंडे के बुनियादी मूल सिद्धांतों के खिलाफ हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आदतन कानून का पालन न करने वाले तथा किसी भी प्रकार से कर वंचना करने वाले लोगों को बिना किसी दया के अनुकरणीय दंड दिया जाना चाहिए लेकिन इस बात को सुनिश्चित किया जाना बेहद आवश्यक है की किसी भी शक्ति का उपयोग ईमानदार और कर पालन करने वाले लोगों के खिलाफ नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए कैट ने प्रधानमंतीरी श्री मोदी से जीएसटी के वर्तमान स्वरुप के नए सिरे से समीक्षा करने का अनुरोध किया है !
श्री सोन्थलिया ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र में बताया की देश में लगभग 8 करोड़ व्यापारी प्रतिवर्ष लगभग 80 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार कर रहे हैं जिसमें किसी भी प्रकार की सहायता बेहद नगण्य है ! यदि व्यापार करने में गैर जरूरी पालनाओं को समाप्त किया जाता है तो यह सेक्टर बहुत बेहतर व्यापार करने में सक्षम है ! उल्लेखनीय है कि देश में छोटे व्यवसायों को व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन के लिए विभिन्न स्तरों पर लगभग 28 प्रकार के लाइसेंस प्राप्त करने होते हैं और उनमें से अधिकांश का वार्षिक नवीकरण होता है ! उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी को यह सुझाव दिया कि इन सभी लाइसेंसों की जगह एक लाइसेंस प्रणाली को शुरू किया जाए तो देश में घरेलू व्यापार के प्रतिमान में बदलाव आएगा। उन्होंने इसके अलावा यह भी सुझाव दिया की देश भर में व्यापार एवं सेवा प्रदान करने वाले सभी प्रतिष्ठानों को एक केंद्रीय पंजीकरण नंबर दिया जाए और किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधि को प्रारम्भ करने के लिए इस पंजीकरण को आधार कार्ड की तर्ज़ पर मान्यता देते हुए आवश्यक किया जाए ! इस तरह से सरकार को सेक्टर के आकार, रोजगार की वर्तमान ताकत, राजस्व का दायरा और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पता चलेगी, जिससे सरकार को इस सेक्टर के लिए व्यापक और पूरक नीतियों को तैयार करने में मदद मिलेगी।