दुमका प्रियव्रत झा
जब जनप्रतिनिधि एवं सरकारी सेवक ही रिश्वतखोरी के दलदल में फंस जाए तो उस पंचायत में चलने वाली तमाम योजनाओं की तस्वीर धुंधली ही नजर आएगी। ऐसी ही धुंधली तस्वीर जरमुंडी प्रखंड में चल रहे मनरेगा योजना को लेकर है।
इस योजना के अंतर्गत कुआं दिलाने के नाम पर ग्रामीणों को पंचायत के मुखिया एवं रोजगार सेवक द्वारा रिश्वत लेकर ठगने का काम किया जा रहा है। [embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=a5eyXLv9ZLo[/embedyt]जरमुंडी प्रखंड के भोडा बाद पंचायत के ग्राम भोड़ा बाद टोला कटरा साल की रहने वाली सीता देवी ने पंचायत के मुखिया धुमे मुर्मू एवं रोजगार सेवक शत्रुघ्न मंडल पर साढ़े चार हजार रुपया घूस लेने का आरोप लगाया है। लाभुक सीता देवी के पति प्रमोद यादव पंचायत में चल रहे मनरेगा के कार्यों में धांधली का आरोप लगाते हुए कहते हैं कि ग्राम सभा एवं कार्यकारिणी से नाम पारित होने के बाद सूची में मेरा नाम तीसरे स्थान पर था। लेकिन मुखिया एवं रोजगार सेवक की मनमानी से 13वें स्थान पर सूची में नाम डाल दिया गया। सूची में शामिल 12 लाभुकों को इस योजना का लाभ मिल रहा है जबकि मेरे साथ पैसा लेकर भी दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। मामले को लेकर प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी जरमुंडी ने लाभुक को आश्वासन देते हुए कहा था कि 22 फरवरी को काम हो जाएगा। इसके बावजूद काम अधर में लटका हुआ है। आलम यह है कि पिछले 7 महीने से कुआं मिल जाएगा कहकर लाभुक को गुमराह करने का काम बदस्तूर जारी है।