अक्सर ऐसा होता है कि उपभोक्ता गैस का नंबर लगाता है लेकिन उसे समय पर सिलेंडर नहीं मिल पाता। हमेशा एक डीलर से परेशानी होती है। इसलिए आम आदमी को राहत देने के लिए केंद्र सरकार अब गैस सिलेंडर को लेकर नियम बदल रही है।
नए नियम के अनुसार, ग्राहक अब किसी एक डीलर के बदले एक साथ तीन डीलर से गैस बुक कर सकेंगे। यानी किसी भी नजदीकी डीलर से गैस प्राप्त कर सकेंगे। एक डीलर का पेच खत्म। इस नियम से ग्राहकों को काफी राहत मिलेगी।
ऑयल सेक्रेटरी तरुण कपूर ने कहा कि सरकार रसोई गैस कनेक्शन को कम से कम पहचान दस्तावेजों के साथ और बिना स्थानीय निवास प्रमाण के कनेक्शन देने की योजना तैयार है।
साथ ही उन्होंने कहा कि एलपीजी कनेक्शन लेने के लिए निवास प्रमाण पत्र जरूरी होना चाहिए।
बिना इसके रसोई गैस सिलेंडर लेना मुश्किल होता है। हालांकि सबके पास यह दस्तावेज नहीं होते और गांवों में इसे बनवाना मुश्किल भी होता है।
दो साल में एक करोड़ से अधिक नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य : पेट्रोलियम
सरकार ने अगले दो साल में एक करोड़ से अधिक नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन देने तथा लोगों को रसोई गैस की आसान पहुंच मुहैया कराने की योजना तैयार की है। यह योजना देश में 100 प्रतिशत लोगों तक स्वच्छ ईंधन पहुंचाने का लक्ष्य पाने के लिये तैयार की गई है।
ऑयल सेक्रेटरी तरुण कपूर ने कहा कि केवल चार वर्षों में गरीब महिलाओं के घरों में रिकॉर्ड आठ करोड़ मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए गए, जिससे देश में एलपीजी उपयोगकर्ताओं की संख्या लगभग 29 करोड़ हो गयी।
इस महीने की शुरुआत में पेश केंद्रीय बजट में प्रधानमंत्री उज्ज्वला (पीएमयूवाई) योजना के तहत एक करोड़ से अधिक मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन देने की योजना की घोषणा की गई। सचिव ने कहा कि हमारी योजना दो वर्षों में अतिरिक्त एक करोड़ कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य पाने की है।
उन्होंने कहा कि 2021-22 के बजट में इसके लिए कोई अलग आवंटन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सामान्य ईंधन सब्सिडी आवंटन ही लगभग 1,600 रुपये प्रति कनेक्शन के खर्च को कवर करने के लिये पर्याप्त होना चाहिए।
सचिव ने कहा कि हमने उन लोगों का प्रारंभिक अनुमान लगाया है, जो अब भी एलपीजी कनेक्शन के बिना बचे हुए हैं। यह संख्या एक करोड़ है। उज्जवला योजना के बाद, भारत में एलपीजी के बिना घर बहुत कम हैं। हमारे पास एलपीजी कनेक्शन के साथ लगभग 29 करोड़ घर हैं। एक करोड़ कनेक्शन के साथ, हम 100 प्रतिशत घरों तक एलपीजी पहुंचाने के करीब होंगे।
हालांकि उन्होंने माना कि एक करोड़ की इस संख्या में बदलाव हो सकता है, क्योंकि कई सारे ऐसे परिवार भी होंगे जो रोजगार अथवा अन्य कारणों से एक शहर को छोड़ दूसरे शहर गए होंगे।