27 फरवरी (शनिवार) को माघ पूर्णिमा स्नान है। लेकिन खास बात ये है कि बीते 100 सालों में हरिद्वार कुंभ के दौरान माघी पूर्णिमा फरवरी माह में आई है। भारतीय प्राच्य विद्या सोसायटी के अध्यक्ष प्रतीक मिश्रपुरी बताते हैं, 1998 में 11 फरवरी, 1986 में 24 फरवरी, 1974 में छह फरवरी, 1962 में 19 फरवरी, 1950 में दो फरवरी, 1938 में 14 फरवरी, 1927 में 16 फरवरी को माघी पूर्णिमा रही। जबकि 1915 में जनवरी में माघी पूर्णिमा थी।
प्रतीक मिश्रपुरी ने अनुसार, विशेष बात यह है कि सभी कुंभ में गुरु कुंभ राशि में आ गए थे और मेला शुरू हो चुका था। इस बार 27 फरवरी को माघी पूर्णिमा होगी, लेकिन गुरु अभी भी मकर राशि में हैं और मेला शुरू नहीं हुआ है।
इस बार का माघ स्नान इसलिए भी विशेष होगा, क्योंकि माघ मास का स्वामी मघा नक्षत्र भी 27 फरवरी को ही आ रहा है। माघ मास की पूर्णिमा में अभिजित मुहूर्त में स्नान करना विशेष शुभ होता है। यह मुहूर्त दोपहर 12.10 बजे से 12.58 बजे तक होगा। अमृत योग दोपहर 1.47 बजे से शुरू होगा। गंगा स्नान के बाद देशी घी, शहद, वस्त्र, अनाज, फल दान करना शुभ होता है। देसी घी का दान धन दायक होता है।
माघ पूर्णिमा स्नान को लेकर कुंभ आईजी संजय गुंज्याल ने शुक्रवार को पुलिस कर्मियों को ब्रीफ किया। उन्होंने कहा कि सभी पुलिसकर्मियों को स्नान शुरू होने से खत्म होने तक अलर्ट रहना है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वीकेंड के चलते दो दिन बाहरी राज्यों से बड़ी संख्या में लोग आ सकते हैं।
भल्ला कॉलेज के स्टेडियम में अस्थायी कुंभ पुलिस लाइन में आईजी संजय गुंज्याल और अन्य पुलिस अधिकारियों ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों एवं अर्द्धसैनिक बलों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। आईजी कुंभ संजय गुंज्याल ने कहा कि लगभग सभी अखाड़ों की पेशवाई सज चुकी हैं। माघ पूर्णिमा से कुंभ का आरंभ माना जाता है।
परिस्थितियों के अनुसार जो भी ट्रैफिक डायवर्जन लागू किए जाए। सभी सेक्टर इंचार्ज हर दो घंटे में अपने-अपने ड्यूटी प्वाइंट की स्थिति मेला कंट्रोल रूम को बताएं। जिलाधिकारी सी रवि शंकर ने कहा कि अभी तक हुए स्नानों ने शाही स्नानों को कराने के अभ्यास का मौका दिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने कहा कि छोटी लापरवाही समस्या खड़ी कर सकती है। एसएसपी कुंभ जन्मेजय खंडूरी ने कहा कि इस स्नान पर्व पर पिछले तीन स्नानों से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। पुलिस उपाधीक्षक संचार रेवाधर मठपाल ने आपसी संपर्क के लिए स्थापित किए रेडियो ग्रिड व्यवस्था के बारे में बताया।