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बजट 2021 पर माकपा की प्रतिक्रिया। मंहगाई और बेरोजगारी बढ़ाने वाला कारपोरेट परस्त बजट : अयुब खान – Rajdhani News
Fri. Nov 22nd, 2024

बजट 2021 पर माकपा की प्रतिक्रिया। मंहगाई और बेरोजगारी बढ़ाने वाला कारपोरेट परस्त बजट : अयुब खान

लातेहार। आज वित्तमंत्री द्वारा संसद मे पेश किया गया युनियन बजट भाजपा सरकार के उदारीकरण और निजीकरण की नीतियों का ही विस्तार है, उक्त बातें माकपा के पूर्व जिला सचिव अयुब खान ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर कही, उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री ने कलाबाजी दिखाते हुए एक ओर पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स कम किए जाने की घोषणा की वहीं दुसरी ओर कृषि के आधारभूत ढांचे के विकास के नाम पर डीजल और पेट्रोल पर 2.5 प्रतिशत सेस लगाए जाने का प्रस्ताव रखा है. जिसके अंतर्गत पेट्रोल पर 2 रु 50 पैसे एवं डीजल पर 4रु प्रति लीटर अतिरिक्त सेस का भूगतान उपभोक्ताओं को करना होगा.

बजट मे विनिवेश और निजीकरण की नीतियों को आगे बढ़ाते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों समेत एक जेनरल इंसुरेंस कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव रखा गया है. इसके अलावा बीमा क्षेत्र मे 74 प्रतिशत एफडीआई लाने की घोषणा की गयी है. इसका लाभ देशी – विदेशी बीमा कंपनियों को ही होगा और हमारी सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम बर्बाद हो जायगी. वित्तमंत्री ने विनिवेश से 2लाख 10 हजार करोड़ रू जूटाने का लक्ष्य तय किया है यानि पब्लिक सेक्टर को और कमजोर किया जायेगा.

बजट मे टैक्स मे किसी तरह के राहत का एलान नही किया गया है और लघु व सुक्ष्म उधोगों (एमएसएमई) के लिए मात्र 15 हजार 7सौ करोड़ रू ही दिए जाने की घोषणा की गई है जो छोटे उधोगों मे जान फूंकने की मोदी सरकार की ढपोरशंखी घोषणा के विपरीत है, वित्तमंत्री ने बजट प्रावधानों मे एक खतरनाक परिपाटी शुरू किए जाने का प्रस्ताव दिया है जिसके अंतर्गत देश के कंपनी एक्ट के प्रावधानों को दरकिनार कर एनआरआई को यहां कंपनी बनाने और मात्र एक व्यक्ति द्वारा भी कंपनी खोले जाने को मंजूरी दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है. इसी प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग का मोनेटाइजेसन यहां की संडको को पूरी तरह कारपोरेट घरानों को सौंपने की तैयारी है. बजट भाषण मे नए सैनिक स्कूलों को खोलने और पहले से चल रहे सैनिक स्कूलों को गैर सरकारी संगठनों के हवाले करने की घोषणा उचित नही है. स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट मे राशि बढ़ाने की घोषणा की गई है लेकिन यह पहले किया गया होता तब कोविड से इतनी मौत नही हुई होती. कुल मिलाकर यह बजट कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने वाला, बेरोजगारी बढ़ाने वाला और देश के कारपोरेट घरानों को ही लाभ पहुंचाने वाला बजट है।

राजधानी न्यूज़ (लातेहार)बबलू खान की रिपोर्ट

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