गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!-शुभम् कुमार गिरि

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बचपन का वो भी एक दौर था

गणतंत्र में भी ख़ुशी का शौर था

ना जाने क्यूँ मैं इतना बड़ा हो गया

इंसानियत में मज़हबी बैर हो गया!!