इस साल 2020 में कोरोना महामारी के चलते युवाओं का विवाह टल गया था। अब कोरोना के प्रकोप से राहत मिल रही है और जीवन वापस सामान्य होने लगा है। ऐसे में युवाओं के लिए खुशखबरी है कि वे 10 दिन बाद देवउठनी एकादशी के बाद शुरू हो रहे मुहूर्त से सात फेरे ले सकते हैं। इस माह नवंबर में तीन और दिसंबर में चार मुहूर्त विवाह के लिए श्रेष्ठ हैं। यदि इन सात मुहूर्त में विवाह नहीं किया तो फिर अगले साल 2021 के अप्रैल माह तक इंतजार करना पड़ेगा।
25 नवंबर देवउठनी से शुरू होंगे मुहूर्त
विवाह संपन्न करवाने वाले पंडित गोपाल महाराज के अनुसार 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ ही शुभ मुहूर्तों की शुरूआत होगी। इसके बाद नवंबर में मात्र तीन और दिसंबर में चार मुहूर्त में ही फेरे लिए जा सकेंगे।
जनवरी से मार्च तक शुभ मुहूर्त नही
अगले साल 2021 में जनवरी से लेकर मार्च तक तारा अस्त रहने से विवाह के मुहूर्त नहीं हैं। अप्रैल, मई, जून और जुलाई में कुल 38 मुहूर्त हैं। इसके बाद चातुर्मास शुरू हो जाएगा और फिर चार माह तक विवाह नहीं किया जा सकेगा।
15 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास
25 नवंबर को तुलसी पूजा पर तुलसी और सालिग्राम का विवाह कराने के बाद शुभ संस्कारों की शुरुआत होगी। नवंबर में तीन मुहूर्त ही श्रेष्ठ हैं। अगले महीने के शुरुआती पखवाड़े में भी मात्र चार मुहूर्त पड़ेंगे। इसके बाद 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास रहेगा।
नए साल के शुरू में देव गुरु रहेंगे अस्त
अगले साल 2021 में 7 जनवरी से 15 फरवरी के बीच देव गुरु अस्त रहेंगे। इसके बाद होलाष्टक और फिर 14 मार्च से 14 अप्रैल तक पुन: मीन मलमास रहेगा। इसलिए अप्रैल के पहले पखवाड़े तक कोई मुहूर्त नहीं है। महज अप्रैल, मई, जून और जुलाई में ही कुछ श्रेष्ठ मुहूर्त होंगे। इसके बाद चातुर्मास शुरू हो जाएगा।
नवंबर में तीन मुहूर्त
25 नवंबर
27 नवंबर
30 नवंबर
दिसंबर में चार मुहूर्त
1 दिसंबर
6 दिसंबर
7 दिसंबर
9 दिसंबर
2021 के मुहूर्त
अप्रैल में कुल पांच मुहूर्त – 25, 26, 27, 28, 30
मई में सबसे ज्यादा 15 मुहूर्त – 2, 4, 7, 8, 9, 13, 14, 21, 22, 23, 24, 26, 29, 30, 31
जून में 12 मुहूर्त – 5,6 , 17, 18, 19, 20, 21, 22, 24, 26, 28, 30
जुलाई में छह मुहूर्त– 1, 2, 3, 7, 15, 18
घाटशिला कमलेश सिंह