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गिरिडीह नगर निगम महापौर सुनील पासवान की सदस्यता समाप्त

Giridih: गिरिडीह के महापौर सुनील पासवान का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है. फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर सुनील पासवान ने चुनाव लड़ा था और चुनाव जीता भी था।

नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस आधार पर उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया है. उन्हें पदमुक्त कर दिया गया है.झामुमो द्वारा उनके जाति प्रमाण पत्र पर सवाल उठाया था। नतीजा सामने है। हालांकि वर्ष 2018 से सुनील पासवान गिरिडीह के महापौर के पद पर काबिज रहे। इस दौरान सरकार और विपक्ष आमने सामने रहा।

पूर्व में भाजपा को सरकार थी तो मामला ज्यादा तूल नही पकड़ पाया था। लेकिन झामुमो की सत्कार सूबे में बनते ही यह मामला काफी जोर पकड़ा। जिसका परिणाम सुनील पासवान की सदस्यता समाप्ति तक जा पहुंचा।

विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे ने इस संबंध में गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी है. मेयर के संबंध में डीसी गिरिडीह ने विभाग को दिसंबर 2019 में सूचना दी थी कि उनका जाति प्रमाण पत्र गलत पाया गया है. इसके बाद एक जांच कमिटी ने भी डीसी की रिपोर्ट को सही बताया था.

समिति ने हटाने की दी थी सलाह

मेयर के जाति प्रमाण पत्र के बारे में डीसी गिरिडीह ने कहा था कि छानबीन समिति ने सुनील पासवान के संबंध में उनके मूल निवास स्थान को प्रमाणित नहीं पाया था. इसके बाद पासवान के विरूद्ध दो सदस्यीय जांच कमिटी बनायी गयी थी.

कमिटी ने मेयर को अपना पक्ष रखने का मौका दिया था. कमिटी ने 21-10-2020 को नगर विकास विभाग को बताया कि पासवान को उनके पद से मुक्त कर दिया जाये. जांच कमिटी की अनुशंसा के आधार पर सुनील पासवान को मेयर पद से हटाने का आदेश विभाग ने जारी कर दिया।

एक्ट में है हटाने का प्रावधान

झारखंड नगरपालिका निर्वाचित प्रतिनिधि एक्ट 2020 के अनुसार यCदि कोई व्यक्ति आऱक्षित पद पर चुना जाता है औऱ बाद में अयोग्य पाया जाता है तो उसे हटाने का भी प्रावधान है. नगर विकास विभाग ने इसी का उपयोग करते हुए निष्कासन का आदेश जारी किया है.

डिम्पल और चन्दन की रिपोर्ट

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