नई दिल्लीः सरकार ने अर्धसैनिक बलों के जवानों की सबसे निचली श्रेणी में सफाई कर्मचारी, कहार, मसालची जैसे पदनामों को हटा दिया है और नया वर्गीकरण करते हुए उनकी जगह ‘मल्टी-टास्किंग स्टाफ’ और रसोई सेवा जैसे पेशेवर पदनाम दिए गए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में सभी अर्धसैनिक और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) को एक आदेश जारी कर उन्हें निर्देश दिया था कि इन सेवाओं में सभी जवानों की भर्तियों का विज्ञापन दिया जाए और नए नामकरण के अनुसार पदनाम दिए जाएं।
सीएपीएफ प्रत्येक नियुक्ति चक्र में बलों के लड़ाकू सैनिकों की खातिर विभिन्न प्रशासनिक कार्यों के लिए सैकड़ों जवानों की नियुक्त करता है।
इनमें जैसे खाना बनाने, सफाई, बागवानी, धुलाई और कुछ अन्य दैनिक कार्य से संबंधित कार्य शामिल हैं। गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, दफ्तरी, फ़राश और सफाई कर्मचारी जैसे पदों का “विलय” कर दिया गया है और अब उन्हें कांस्टेबल एमटीएस या बहु-कार्य कर्मचारी (मल्टी टास्किंग) कहा जाएगा।
आदेश के संबंध में पीटीआई को मिली जानकारी के अनुसार रसोइया, पानी ढोने वाले, कसाई, वेटर, मसालची और कहार आदि पदों को मिला दिया गया है और अब उन्हें रसोई सेवाओं के लिए कांस्टेबल के रूप में जाना जाएगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये निर्णय मंत्रालय ने एक आईटीबीपी अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों पर लिया है। मंत्रालय ने इस समिति का गठन किया था। इसका उद्देश्य निचले स्थान के जवानों को पेशेवर और सम्मानजनक पदनाम देना है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा दो व्यापक वर्गीकरण से इन बलों में एक समान भर्ती नीति बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन पुराने पदनामों को हटाने का कोई वित्तीय प्रभाव नहीं होगा। सीएपीएफ के एक अधिकारी ने कहा कि वर्गीकरण का यह कदम “उन कर्मियों की आकांक्षाओं के साथ न्याय करेगा जो इन नौकरियों के लिए आवेदन करते हैं और ये काम करते हैं…।’ उन्होंने कहा कि इन बलों में भविष्य में होने वाली भर्तियां इन नयी श्रेणियों के तहत होंगी।