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चीन से विवाद के बीच भारत ने दो महीने से भी कम समय में 11 मिसाइलों का किया परीक्षण

नई दिल्ली. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एक नौसेना प्रारूप का भारतीय नौसेनाके स्वदेश निर्मित एक विध्वंसक पोत से रविवार को अरब सागर में सफल परीक्षण किया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मिसाइल ‘आईएनएस चेन्नई’ विध्वंसक पोत से दागी गई और इसने लक्ष्य को पूरी सटीकता से भेद दिया.

ब्रह्मोस के सफल परीक्षण के साथ, भारत ने अब तक दो महीनों से भी कम समय में 11 मिसाइलों का परीक्षण कर लिया है. इन मिसाइलों का परीक्षण ऐसे समय में किया जा रहा है जब पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच करीब पांच महीनों से भी ज्यादा समय से तनातनी जारी है.

जूनमें लद्दाख की गलवान घाटी में ये तनातनी हिंसक झड़प में तब्दील हो गई थी जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.

अब तक भारत ने सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस और एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम -1 का नया संस्करण परीक्षण किया है. इसमें शौर्य परीक्षण भी किया गया है जो एक लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल और परमाणु सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल है. भारत ने LAC पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की एक बड़ी संख्या में तैनाती की है.

जानें पिछले दो महीनों में भारत ने कौन सी मिसाइलों और हथियार प्रणालियों का परीक्षण किया है-

7 सितंबर: स्वदेशी रूप से विकसित हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी प्रदर्शनकारी वाहन (HSTDV), जो क्रूज मिसाइलों और लंबी दूरी की मिसाइल प्रणालियों के लिए जरूरी है. इसका परीक्षण ओडिशा के तट से किया गया.

22 सितंबर: ABHYAS – हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) वाहनों का ओडिशा के तट से परीक्षण किया गया. इनका इस्तेमाल विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है.

23 सितंबर: DRDO ने महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्वदेशी रूप से विकसित लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का परीक्षण किया. DRDO के अनुसार, “विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच (ERA) द्वारा संरक्षित” बख्तरबंद वाहनों को हराने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

23 सितंबर: पृथ्वी -2 का परीक्षण ओडिशा के बालासोर से किया गया. यह एक स्वदेशी रूप से विकसित परमाणु सक्षम सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है जो DRDO के अनुसार अपने लक्ष्य को हिट करने के लिए पैंतरेबाज़ी के साथ एक उन्नत जड़त्वीय मार्गदर्शन प्रणाली का उपयोग करता है.

30 सितंबर: ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का विस्तारित रेंज ओडिशा में भूमि आधारित सुविधा से परीक्षण किया गया.

1 अक्टूबर: लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक MBT अर्जुन टैंक से दागी गई.

3 अक्टूबर: भारत ने ओडिशा तट से परमाणु-सक्षम शौर्य मिसाइल के नए संस्करण का सफल परीक्षण किया.

5 अक्टूबर: भारत ने पनडुब्बी-रोधी युद्ध विकसित किया और सफलतापूर्वक परीक्षण-अग्नि स्वदेशी रूप से विकसित SMART टारपीडो प्रणाली का विकास किया, जो कि टारपीडो रेंज से परे एंटी-सबमरीन वारफेयर (ASW) संचालन के लिए आवश्यक है.

10 अक्टूबर: भारत ने अपनी पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम -1 का सफल परीक्षण किया, जो जमीन पर दुश्मन के राडार का पता लगा सकती है.

18 अक्टूबर: ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का एक नौसैनिक संस्करण स्वदेश निर्मित विध्वंसक आईएनएस चेन्नई से फायर की गई.

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