कुवैत के शासक शेख सबा अल अहमद अल सबा का 91 साल की उम्र में आज निधन हो गया है. वह पिछले कई दिनों से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे थे. 83 वर्षीय उनके भाई शेख नवाफ अल अहमद अल सबा को क्राउन प्रिंस के रूप में कुछ शक्तियां अस्थायी रूप से दी गई हैं.
शेख सबा अल अहमद के निधन पर भारते के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है. राष्ट्रपति ने कहा कि वह एक महान राजनेता, मानवतावादी नेता और भारत के करीबी दोस्त थे. शेख सबा अल अहमद के निधन की खबर सुनकर उन्हें गहरा दुख हुआ है.
पीएम मोदी ने दुख जताते हुए कहा कि आज कुवैत और अरब दुनिया ने एक प्रिय नेता, भारत के करीबी दोस्त और एक महान राजनेता खो दिया है.
उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में अग्रणी भूमिका निभाई और कुवैत में हमेशा भारतीय समुदाय का विशेष ध्यान रखा.
शेख सबा अल अहमद, हाल ही में सर्जरी के लिए अमेरिका गए थे. राष्ट्रपति ट्रंप ने अमीर शेख अल-अहमद को अमेरिका लाने के लिए वायु सेना का विमान भेज था जिस पर कुवैती क्राउन ने पत्र भेजकर उनको थैंक्स कहा था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शेख सबा अल अहमद ने 2006 से तेल समृद्ध खाड़ी अरब राज्य पर शासन किया था और 50 से अधिक वर्षों तक अपनी विदेश नीति की देखरेख की थी.
1990-1991 के खाड़ी युद्ध के दौरान इराक का समर्थन करने वाले राज्यों के साथ संबंधों को बहाल करने के प्रयासों के लिए उन्हें “अरब कूटनीति का डीन” करार दिया गया था, जब कुवैत पर इराकी बलों द्वारा आक्रमण किया गया था.
अमीर शेख ने अक्सर सऊदी अरब, उसके सहयोगियों और कतर के बीच जारी राजनयिक गतिरोध समेत क्षेत्रीय विवादों में मध्यस्थ के रूप में भी काम किया. कुवैत ने मानवीय सहायता के लिए कई दाता सम्मेलनों की मेजबानी करने के बजाय उन्होंने सीरिया के गृह युद्ध में हस्तक्षेप करने से परहेज किया.