जमशेदपुर:-भगवान विश्वकर्मा की पूजा 17 सितंबर को होगी। सुबह 10:19 बजे सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद भगवान की पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी। इस दिन शाम 4:55 बजे तक अमावस्या है। उसके बाद पुरुषोत्तम मास शुरू हो जाएगा। इस साल तिथियों का दुर्लभ संजग भी बन रहा है। विश्वकर्मा पूजा और महालय अमावस्या एक साथ 17 सितंबर को होगी। महालया के दिन पितृपक्ष समाप्त होगा। इस साल होने वाली दुर्गा पूजा कुछ अलग होगी। अमूमन महालय पूजा के दूसरे दिन पितृ तर्पण के बाद से मां दुर्गा पाठ की शुरुआत हो जाती है । लेकिन इस साल महालया के पूरे 1 माह बाद 17 अक्टूबर से दुर्गा पूजा की शुरुआत होगी और विजयादशमी 26 अक्टूबर को होगा। ज्योतिषाचार्य की मानें तो इस वर्ष हिंदू शास्त्रों में दुर्गा पूजा आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में होगी। इस बार 2 आसन मां होंगे एक शुद्ध तो दूसरा पुरुषोत्तम यानी अधिक मास। ज्योतिषाचार्य पंडित कन्हैया पांडे ने बताया कि महालय अमावस्या इस साल 16 सितंबर की शाम 7:05 से 17 सितंबर की शाम 5:04 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार 17 सितंबर को महिला पूजा होगी वर्ष 1982, 2001 के बाद अब 2020 में पित्र पक्ष 17 सितंबर को तर्पण के साथ खत्म होगा।
घाटशिला कमलेश सिंह