घाटशिला:-कमलेश सिंह
जमशेदपुर:अनलॉक 0.4 मैं झारखंड सरकार के परिवहन विभाग द्वारा बस चलाने की अनुमति दिए जाने के बाद पहले दिन बस मालिक का अनुभव अच्छा नहीं रहा। पहले दिन अधिकांश यात्री वाहन खाली ही चले। तेल का खर्च तो दूर स्टाफ का खर्च भी नहीं निकल पाया। यही कारण है कि गंतव्य से रवाना होने के बाद कुछ यात्री वाहन आधे रास्ते से ही लौट गए तो कुछ खाली गंतव्य तक पहुंचे। अगर यही हालात रहे तो बस मालिक बस को फिर से स्टैंड में खड़ा करने को बाध्य हो जाएंगे। मुसाबनी बस स्टैंड से कुल 4 बसें खुली थी 2:00 बजे घाटशिला के रास्ते जमशेदपुर के लिए रवाना हुई जबकि 2 बसें नरवा पहाड़ होते हुए जमशेदपुर के लिए गई। चारों बस में यात्रा करने वालों की संख्या नहीं के बराबर रही। यात्री नहीं मिलने के कारण दो बस से तो बीच रास्ते से ही वापस लौट गई। बस मालिकों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो आगे बस चलाना बहुत मुश्किल है। क्योंकि यात्री नहीं मिल रहे हैं ऐसे में बस चलाने की हिम्मत नहीं कर सकते हैं। मुसाबनी बस स्टैंड से बुधवार को फिर गाड़ी चलेगी अगर यात्री नहीं मिली तो गाड़ी नहीं खुलेगी। बस मालिकों का कहना है कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार बस चलाई जा रही है ।लेकिन यात्री नहीं मिल रहे हैं। इससे बस मालिकों को खर्चा उठाना पाना मुश्किल हो रहा है। स्टाफ का खर्चा अलग से देना पड़ता है।कोविड-19 के नियम के अनुसार दोगुना किराया लेकर आधी सीटों पर ही यात्री को ले जाना है। ऐसे में यात्रियों का किराया काफी महंगा पड़ रहा है। मुसाबनी से जमशेदपुर जाने में एक यात्री को ₹120 किराया देना पड़ रहा है। आने जाने में कुल 240 रुपए खर्च करने होंगे है। ऐसी स्थिति में जिनके पास बाइक है वह आधी रकम मैं ही जमशेदपुर जाकर अपना काम कर वापस लौट सकते हैं। सरकार को पूरा मामले का अध्ययन करने के बाद बस मालिकों को रियायत देने का प्रयास करना होगा। तभी नियमित रूप से बसों का संचालन संभव हो पाएगा।