Sun. Sep 8th, 2024

त्योहार पर कोरोना ग्रहण:इस बार किसी भी जगहों से नहीं निकलेंगे जुलूस, लंगर भी नहीं करवा पाएंगे

घाटशिला-कमलेश सिंह

  • मोहर्रम में हर साल की तरह इस साल शहर के किसी भी मुहर्ररम कमेटी की ओर से शहीदाने करबला की तकरीर (प्रवचन) का कार्यक्रम नहीं हुआ। प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं होने की वजह से इस बार किसी भी मुस्लिम कमेटी ने तकरीर का आयोजन नहीं किया। मोहर्रम के महीने में 1 से 10 तारीख तक हर दिन आम लंगर और जगह-जगह शर्बत-खिचड़ा बांटने का कार्यक्रम भी होता था, लेकिन कोरोना की वजह से इस तरह के किसी भी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा रहा है। इस बार मोहर्रम की 10 तारीख रविवार को होगी। इस दिन जोहर की नमाज के बाद यौमे आशूरा की दुआ पढ़ाई जाएगी। मस्जिदों में करबला की जंग में शहीद हुए इमामे हुसैन और उनके परिवारवालों को याद किया जाएगा। इस दिन खासतौर पर खिचड़ी-भाजी, शर्बत और खिचड़ा (हलीम) बनाकर घरों में फातिहा दिलाई जाएगी। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस बार शहर के किसी भी मुहर्रम कमेटी की ओर से ताजिया नहीं निकाले जाएंगे। आमतौर पर यौमे आशूरा के दिन दोपहर से देर रात तक ताजिया निकाले जाते थे जिन्हें बाद में करबला तालाब में विसर्जित किया जाता था। लेकिन इस बार ताजियां निकालने की अनुमति नहीं होने की वजह से कारीगरों ने ताजिये भी नहीं बनाए। पुलिस प्रशासन की ओर से लाउडस्पीकर और मातमी जुलूस में उपयोग में आने वाले शस्त्रों के प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी गई है। साथ ही प्रशासन ने बताया कि

अभी जितने भी त्योहार मनाए जा रहे हैं वो गाइडलाइन के अनुसार ही मनाए जा रहे हैं। इस दौरान नियमों का उल्लंघन किसी को भी नहीं करना दिया जाएगा। जो भी गाइडलाइन का पालन नहीं करेगा नियमानुसार उस पर कार्रवाई होगी।

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