नई दिल्ली:-बैठक के बाद सूचना एव प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि ‘‘युवाओं को फिलहाल नौकरी के लिये कई अलग-अलग परीक्षाएं देनी पड़ती हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करने के लिये राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
कई तरह की सरकारी नौकरियों के लिए अब अलग-अलग परीक्षा नहीं देनी होगी। उनकी जगह अब सिर्फ एक परीक्षा देनी होगी। उसी के जरिए अलग-अलग पदों पर बहाली हो सकेगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए नई राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन का ऐलान किया है। यह एजेंसी राष्ट्रीय साझा परीक्षा (सीईटी) लेगी और इसी के जरिए भर्तियां होंगी। अब तरह-तरह के टेस्ट की जरूरत नहीं होगी। इससे अभ्यर्थियों का समय और संसाधन बचेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करने के लिये राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया। एनआरए साल में दो बार ऑनलाइन माध्यम से साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करेगा। सबकुछ ऑनलाइन होगा। अभ्यर्थियों का पंजीकरण, रोल नंबर, एडमिट कार्ड, अंक पत्र, मेधा सूची आदि सेवाएं ऑनलाइन मोड में संचालित होंगी। इसके अलावा सीईटी हिन्दी, अंग्रेजी के अलावा अनेक क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध होगी। यह देश के अलग-अलग इलाके के लोगों को समान अवसर प्राप्त करने में सहायक होगी। सीईटी बहु विकल्पीय प्रश्नों पर आधारित परीक्षा होगी और इसका रिजल्ट तीन साल तक वैलिड होगा। बैठक के बाद सूचना एव प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि ‘‘युवाओं को फिलहाल नौकरी के लिये कई अलग-अलग परीक्षाएं देनी पड़ती हैं। ऐसी परीक्षाओं के लिये अभी लगभग 20 भर्ती एजेंसियां हैं और परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थियों को दूसरे स्थानों पर भी जाना पड़ता है।’’उन्होंने कहा कि इस संबंध में परेशानियां दूर करने की मांग काफी समय से की जा रही थी। इसे देखते हुए मंत्रिमंडल ने साझा पात्रता परीक्षा लेने के लिये ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी’ के गठन का निर्णय किया गया है।