झारखंड लोहरदगा:लोहरदगा जिले की सेन्हा पंचायत के कोनार टोली तालाब से लेकर बस्ती तक एनआरईपी विभाग द्वारा पीसीसी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इसमें भारी अनियमितता बरती जा रही है। निर्माण कार्य स्थल पर किसी प्रकार का बोर्ड नहीं लगाया गया है। 6 इंच की जगह कहीं-कहीं 2, तो कहीं 3, कहीं 4 और कुछ जगहों पर 6 इंच ढलाई की जा रही है। इसकी जानकारी मिलने पर ग्रामीण और स्थानीय जेएमएम नेता ने कार्यस्थल का निरीक्षण किया। ग्रामीणों ने काम बंद करा दिया गया। मामले पर जूनियर इंजीनियर श्याम बिहारी यादव से बात करने पर उन्होंने कहा छोटी-मोटी कमियां हुई थी, उसमें सुधार किया जा रहा है।
* 11 सौ फीट सड़क का हो रहा है निर्माण
ग्रामीणों ने बताया कि 11 सौ फीट सड़क बन रही है। इसकी लागत करीब 17 से 18 लाख रुपये है। इस क्रम में ऊंचे स्थान पर 2 इंच से 3 इंच ढलाई की जा रही है। गड्ढे वाली जगहों पर 4 इंच की ढलाई हो रही है। इसकी जानकारी मिलने के बाद ग्रामीणों ने काम बंद करा दिया। सड़क निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को मजदूरी भी कम देने का मामला सामने आया है। उन्होंने बताया कि ठेकेदार मनरेगा की तरह 189 रुपये देना चाहते हैं। नाराजगी जताने पर 210 रुपये देने की बात कर रहे हैं, जबकि महिला मजदूर 250 रुपये और पुरुष मजदूर 300 रुपये लेने पर अड़े हैं। काम लगभग पूरा होने वाला है, पर अभी तक मजदूरों उनकी मजदूरी नहीं मिली है। मजदूर द्वारा मजदूरी मांगे जाने पर ठेकेदार कहते हैं कि पैसा कहां से देंगे, अभी पैसा निकला नहीं है।
* एसडीओ ने लिया निर्माण कार्य का जायजा
पीसीसी सड़क निर्माण स्थल पर ग्रामीणों की भीड़ देखकर एसडीओ रुकी। उनसे बात की। ग्रामीणों द्वारा ढलाई में घटिया सामग्री के इस्तेमाल के अलावे 2 इंच ढलाई कराने की शिकायत की। शिकायत सुनकर उन्होंने सहयोगी ठेकेदार हीरालाल साहू को बुलाकर गुणवत्तापूर्ण काम करने को कहा। प्राक्कलन का ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि काम बंद मत करें। काम को होने दें। यदि गलत कार्य हो रहा है, तो इसकी जांच की जाएगी। आवेदन देने पर टीम आकर जांच करेगी।
* विरोध के बाद भी बनाई
ग्रामीणों के विरोध के बाद भी ठेकेदार ने काम चालू रखा। जब ग्रामीणों ने प्राकलन राशि एवं वर्क का डिटेल मांगा तो उन्हें कुछ और समझाया गया। ग्रामीणों ने इंजीनियर श्याम बिहारी से फोन के माध्यम से संपर्क कर इसकी जानकारी दी। कार्य स्थल में आने को कहा। उन्होंने यह कहकर फोन काट दिया कि वह बाहर हैं। इस बीच सूचना मिलने पर जेएमएम के प्रखंड अध्यक्ष वीरेंद्र उरांव और प्रभारी अफरोज आलम स्थल पर पहुंचे। कार्य की गुणवत्ता को जांचने पर घटिया निर्माण की बात सामने आयी। इस संदर्भ में उन्होंने ठेकेदार से जानकारी ली। ठेकेदार ने उन्हें बताया कि इंजीनियर ने इतना ही कार्य करने को कहा है। इसके बाद नेताओं ने कहा कि काम घठिया हो रहा है, इसकी जांच कराएंगे। इसे लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। विरोध करने वालों में धर्मा उरांव, बिरसा उरांव रंथु उरांव, धीरज महतो, शंकर यादव, चंद्रदेव उरांव, कृष्णा लोहरा, सोनू लोहरा, विदेशी उरांव, कृष्णा उरांव, राजेश उरांव सहित अन्य ग्रामीण शामिल हैं।
* ठेकेदार स्वयं सक्षम है
जूनियर इंजीनियर श्यामबिहारी यादव से पूछे जाने पर उन्होंने कहा है कि कार्य की जांच की जाएगी। अगर अनियमितता बरती गई है, तो उसमें सुधार किया जाएगा। रिएक्ट किया जाएगा। यह काम टेंडर वर्क है। इसमें जूनियर इंजीनियर ही सफिशिएंट नहीं है, बल्कि एक्सक्यूटिव इंजीनियर का भी होना जरूरी है। ठेकेदार स्वयं सक्षम है। वह अपना इंजीनियर रखकर काम करा सकते हैं।
* काम के बोझ तले दबे हैं अभियंता
कार्यपालक अभियंता मनमोहन झा काम के बोझ तले दबे हैं। उनके ऊपर इतनी अधिक जवाबदेही है कि उन्हें किसी योजना के बारे में जानकारी नहीं रहती हे। बतातें चले कि मूल रूप से वे आरईओ में पदस्थापित हैं। एनआरईपी और जिला परिषद के कार्यपालक अभियंता का अतिरिक्त प्रभार उन्हें सौंपा गया है। जब उनसे पूछा गया कि कहां-कहां कौन सी योजनाएं चल रही है। कौन सी पूर्ण और कौन योजना अपूर्ण है, तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।