जमशेदपुर:
आज झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर 27 जुलाई से हड़ताल पर हैऔर आज 22वां दिन है।।वहीं मनरेगा कर्मी संघ के जिला अध्यक्ष शंकर सतपति के नेतृत्व में आदिवासी कल्याण एवं परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को भी उनके आवास में 5 सूत्री मांग पत्र सौंपा। जहां मंत्री महोदय ने मनरेगा कर्मियों की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से वार्ता करवाने की बात कही।
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वही परिवहन मंत्री को ज्ञापन सौंपने के बाद राजनगर के पुराने प्रखंड व अंचल कार्यालय के समीप सभी मनरेगा कर्मियों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैठक रखी। वहीं मनरेगा कर्मचारी संघ के जिला सचिव अनिल कुमार मुर्मू ने कहा कि आज झारखंड के प्रत्येक जिले के प्रत्येक प्रखंड में मनरेगा कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है तथा अट्ठारह अगस्त तक यदि सरकार की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आता है ।तो 20 अगस्त को झारखंड के सभी मनरेगा कर्मी लगभग 5000 मनरेगा कर्मी सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष इस्तीफा देंगे । उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी मनरेगा कर्मी सरकार की महत्वकांक्षी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम अंतर्गत ग्राम रोजगार सेवक, लेखा सहायक, कंप्यूटर सहायक ,कनिया अभियंता ,सहायक अभियंता एवं प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी के पद पर पिछले 12 वर्षों से अधिक समय से निष्ठा पूर्वक काम करते आ रहे हैं ।हमारी नियुक्ति सरकारी प्रयोजन एवं पूर्ण वैधानिक प्रक्रिया से आरक्षण रोस्टर का पालन कर मेघा सूची के आधार पर हुई है ।हमने अपने जीवन काल में अति महत्वपूर्ण समय मनरेगा के क्रियान्वयन तथा गरीब जनता को सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार रोजगार देने में बिता दिया।परन्तु 12 वर्षों के बाद अब जीवन का ऐसा मोड़ आ गया कि नौकरी के अतिरिक्त पारिवारिक जिम्मेदारियां ,बुजुर्ग माता-पिता बच्चे तथा अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है ।क्योंकि 12 वर्षों के सेवा के बाद भी मनरेगा कर्मचारियों को ना तो नियमित वेतनमान मिला है ,ना ही स्थाई पद दिया गया।
सरकार हमारी पांच सूत्री मांग जो इस प्रकार है 1)स्थायीकरण 2)सामाजिक सुरक्षा 3) सीधे बर्खास्तगी पर रोक 4) समान काम का समान वेतन 5) बिहार की तर्ज पर मनरेगा को स्वतंत्र इकाई करते हुए केवल मनरेगा कर्मियों को इनके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी दी जाए ।