केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के सभी मरीजों को मोबाइल और टैबलेट ले जाने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि वे वीडियो कॉलिंग के द्वारा अपने परिजनों से बात कर सके उन्हें देख सके जिससे उनका मनोबल बढ़ेगा और मनोवैज्ञानिक रूप से उन्हें जल्दी ठीक होने में मदद मिलेगी। साथ ही यदि राज्य केंद्र शासित प्रदेश के चिकित्सक इसके लिए मरीजों के लिए कुछ निश्चित निर्धारित समय तय कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार अस्पताल के वार्ड में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति पहले से ही है लेकिन बीच में कुछ परिवार वालों की शिकायत सामने आई थी जिसको ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ये निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ राजीव गर्ग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि उपकरणों को समय-समय पर डिसइनफेक्ट और आवंटित करने के लिए उचित प्रोटोकॉल विकसित किए जा सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक (डीजीएचएस) स्वास्थ्य मंत्रालय में डॉ। राजीव गर्ग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि उपकरणों कीटाणुरहित करने और समय-समय पर आवंटित करने के लिए उचित प्रोटोकॉल अस्पताल द्वारा विकसित किए जा सकते हैं। रोगियों और उनके परिवार के बीच संपर्क। उन्होंने कहा है कि कोविड वार्ड और विभिन्न अस्पतालों के आईसीयू में भर्ती मरीजों की मनोवैज्ञानिक जरूरतों के लिए प्रशासनिक और चिकित्सा दल उत्तरदायी होना चाहिए। साथ ही सामाजिक जुड़ाव मरीजों के तसल्ली दिला सकते हैं और उपचार टीम द्वारा दिए गए मनोवैज्ञानिक समर्थन भी मजबूत बना सकता है। कृपया सभी संबंधितों को निर्देश दें कि वे रोगी को स्मार्टफोन और टैबलेट ले जाने की अनुमति दें ताकि रोगी अपने परिवार और दोस्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर सकें। बता दें कि यह पत्र 29 जुलाई को जारी किया गया है।