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सीएसआईआर-एनएमएल में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह का हुआ आयोजन

जमशेदपुर : 10 मार्च, 2025 को सीएसआईआर-एनएमएल, जमशेदपुर में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, झारखंड चैप्टर और इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के सहयोग से राष्ट्रीय विज्ञान दिवस-2025 समारोह मनाया गया। इस कार्यक्रम में बीआईटी मेसरा के प्रतिष्ठित प्रोफेसर प्रो. प्रतीम कुमार चट्टराज और जीएसआई झारखंड के श्री असद अहसन रजा भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अभिलाष (एमएनएएससी) ने किया।

डॉ. संदीप घोष चौधरी, निदेशक, सीएसआईआर-एनएमएल ने अपने स्वागत भाषण में राष्ट्र निर्माण तथा भारत में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने में प्रख्यात वैज्ञानिकों के योगदान को याद किया। उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में भारत की विरासत पर भी चर्चा की।

 

बीआईटी मेसरा के कुलपति और नासी झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना ने सभी अतिथियों, छात्रों और नासी के सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने ऊर्जा रूपांतरण, सामग्री और धातु विज्ञान से लेकर स्वच्छ ऊर्जा के विभिन्न पहलुओं सहित विज्ञान के सभी पहलुओं पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने विश्व युद्ध के आरंभ से अब तक भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए प्रयासों तथा विकसित भारत के निर्माण के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के सभी पहलुओं में विश्व स्तरीय अनुसंधान को बढ़ावा देने हेतु आवश्यक कठोर प्रयासों का उल्लेख किया।

 

प्रोफेसर चट्टराज ने अपने विषय आधारित व्याख्यान में रसायन विज्ञान, भौतिकी और धातुकर्म के गहन सार को उदाहरणों के माध्यम से समझाया तथा सर सी.वी. रमन के कार्यों और उनकी उपलब्धियों तथा प्रकाश प्रकीर्णन, रेले प्रकीर्णन और स्पेक्ट्रोस्कोपी में उनके महत्वपूर्ण योगदान के बारे में भी बताया। उन्होंने सांस्कृतिक विज्ञान और भारत के बाहर भारतीय विज्ञान और वैज्ञानिकों को बढ़ावा देने की दिशा में सर सी.वी. रमन द्वारा किए गए प्रयासों को दर्शाया।

 

श्री रजा ने झारखंड में महत्वपूर्ण धातुओं की जानकारी दी और लिथियम तथा आरईई भंडार दोहन के कई क्षेत्रों में एनएमएल के योगदान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला ।

 

कार्यक्रम में एनएमएल में 135 छात्रों और 75 शोधकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन बीआईटी मेसरा के प्रोफेसर अनिमेष घोष द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव और राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुआ ।

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