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Wed. Mar 12th, 2025

*सिंहभूम चैम्बर में आयोजित पोस्ट बजट सेमिनार में कोलकाता से आये विशेषज्ञ ने यूनियन बजट 2025 पर दिये अपने व्याख्यान

सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के द्वारा शनिवार, दिनांक 08 मार्च, 2025 को चैम्बर भवन में चैम्बर के पूर्व उपाध्यक्ष स्व0 दिनेश चौधरी की स्मृति में एकदिवसीय पोस्ट बजट सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें कोलकाता से आये अनुभवी विशेषज्ञ अधिवक्ता एवं सीए रमेश कुमार पटौदिया ने यूनियन बजट-2025 पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुये व्याख्यान दिया।

 

इस अवसर पर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने स्वागत भाषण करते हुये कहा कि चैम्बर की यह परंपरा रही है कि केन्द्र सरकार के द्वारा यूनियन बजट प्रस्तुत करने के बाद इससे व्यवसाय एवं उद्यम पर पड़ने वाले प्रभाव से सदस्यों को अवगत कराने हेतु पोस्ट बजट सेमिनार का आयोजन चैम्बर भवन में प्रत्येक वर्ष किया जाता है जिसमें जमशेदपुर के बाहर से आये अनुभवी विशेषज्ञ अपना व्याख्यान देते हैं। इसके अलावे चार्टर्ड एकाउंटेंट, अधिवक्तागण भी अपने राय रखते हैं। आज इस अवसर पर हमारे बीच कोलकाता के अनुभवी विशेषज्ञ रमेश कुमार पटौदिया आये हुये हैं। जिनके व्याख्यान के पश्चात् व्यवसायी एवं उद्यमीगण इसका लाभ उठा पायेंगे।

 

उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने विषय प्रवेश करते हुये अतिथि सह वक्ता रमेश कुमार पटौदिया का विस्तृत परिचय कराते हुये कार्यक्रम की शुरूआत की।

 

पहले सत्र में प्रत्यक्ष कर/आयकर पर अतिथि अधिवक्ता रमेश पटौदिया ने प्रत्यक्ष कर अपने व्याख्यान में यूनियन बजट के निम्नलिखित तथ्यों को सदस्यों के समक्ष और इससे व्यवसाय और उद्यम पर पड़ने वाले असर के बारे में विस्तृत रूप मे ंबताया-

 

1. *आयकर की छूट सीमा* रू 12 लाख कर दी गई है, जिसका अर्थ है कि प्रति माह रू 1 लाख तक की आय कर मुक्त होगी।

2. *धारा 80सीसीडी के तहत कटौती* में अब नाबालिग बच्चे के नाम पर एनपीएस खाता खोलने पर भी मान्य होगी, जिसे अतिरिक्त रू 50,000 की कटौती मिलेगी।

3. *अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा* अब 48 महीने कर दी गई है, जिससे करदाता किसी त्रृटि या चूक को अतिरिक्त कर का भुगतान कर सुधार सकते हैं।

4. *शिक्षा हेतु प्रेषण (एलआरएस) पर टीसीएस छूट* – यदि प्रेषण ऋण के माध्यम से किया गया ह, तो उस पर कोई टीसीएस लागू नहीं होगा।

5. *कंपनियांे के विलय के मामले में घाटे की समायोजन अवधि* – अब विलय करने वाली कंपनी का घाटा उतनी ही अवधि तक सेट ऑफ किया जा सकता है जितनी अवधि के लिये वह पहले पात्र था, जबकि पहले विलय के बाद नई कंपनी को नई अवधि मिलती थी।

6. *राष्ट्रीय बचत योजना (एनएसएस) से निकासी* – यदि 29 अगस्त 2024 के बाद निकासी की जाती है तो उस पर कर नहीं लगेगा, जिससे करदाताओं को लाभ होगा।

 

दूसरे सत्र में अप्रत्यक्ष कर/जीएसटी पर अधिवक्ता रमेश पटौदिया ने निम्नलिखित व्याख्यान दिया –

 

1. *सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 17(5)(डी) में संशोधन* – यह स्पष्ट किया गया है कि यह धारा ‘‘प्लांट और मशीनरी’’ पर लागू होती है, न कि ‘‘प्लांट या मशीनरी’’ पर। यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट के ‘‘सफारी रिट्रीट्स प्रा0 लि0’’ मामले के निर्णय के बाद किया गया है और इसे 1 जुलाई 2017 से प्रभावी किया गया है।

2. *सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 107 और 112 में संशोधन* – अब उन मामलों मे अपील करने पर पूर्व भुगतान (प्री डिपोजिट) की आवश्यकता होगी, जहां अपील केवल दंड (पेनाल्टी) के खिलाफ की गई हो।

3. *सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 34 में संशोधन* – अब तब तक आउटपुट जीएसटी की रिवर्सल की आवश्यकता नहीं होगी जबतक की संबंधित इनपुट टैक्स क्रेडिट को रिवर्स नहीं किया जाता

 

इस दौरान मानद महासचिव मानव केडिया ने इसपर चर्चा के दौरान सदस्यों को बताया कि प्रत्यक्ष कर/आयकर के अंतर्गत *धार्मिक/चैरिटेबल ट्रस्ट के लिये पंजीकरण नवीनीकरण* – यदि पिछले दो वर्षों में ट्रस्ट की आय रू 5 करोड़ से कम है, तो अब पंजीकरण नवीनीकरण 10 वर्षों के लिये वैद्य होगा, जबकि पहले यह 5 वर्षों के लिये होता था।

 

उपाध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने बताया कि *टीसीएस की सीमा अद्यतन* वरिष्ठ नागरिकांे के लिये बैंक ब्याज पर टीडीएस की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख कर दी गई है, जिससे रू 1 लाख तक ब्याज पर आयकर टीडीएस नहीं कटेगा।

 

सचिव अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया ने कहा कि *धारा 206एबी और 206सीसीए समाप्त कर दी गई है।* आयकर रिटर्न दाखिल न करने वालों के लिये उंची दर से टीडीएस/टीसीएस लागू करने वाली ये धारायंे हटा दी गई है, जिससे अनुपालन में आसानी होगी।

 

कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया ने कहा कि स्टार्टअप्स और आईएफएससी में काम कर रहे उद्यमों को कर छूट की अवधि बढ़ाई गई है।

 

सेमिनार के दौरान उपस्थित व्यवसायी उद्यमियों ने अपनी शंकाओं को रखा जिसपर विशेषज्ञ द्वारा उनका समाधान किया गया। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष मुरलीधर केडिया, पुनीत कांवटिया, भरत मकानी, केएल मित्तल, कौशलेन्द्र दास, सीए जगदीश खंडेलवाल, मनीष केडिया, रमाकांत गुप्ता, गोपाल हरलालका, गोविन्द अग्रवाल, विनोद सरायवाला, विनोद अग्रवाल, अधिवक्ता सतीश सिंह, आनंद अग्रवाल, संजय गोयल, ऋषि अरोड़ा, सीए किशन अग्रवाल, मनीष मूनका, अधिवक्ता राजेश अग्रवाल, प्राण संघारी, पारस अग्रवाल, जमशेदपुर सीए सोसायटी एवं जमशेदपुर सीए ब्रांच, वाणिज्य कर बार एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं सदस्यगण के अलावे काफी संख्या में व्यवसायी, उद्यमी एवं प्रोफेशनल्स उपस्थित थे।

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