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दलमा ईको सेंसिटिव क्षेत्र में पत्थर खनन में जिलेटिन विस्फोटक का धड़ल्ले से उपयोग

चांडिल दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी ईको सेंसिटिव क्षेत्र में पत्थर खनन में अवैध रूप से विस्फोटक पदार्थ जिलेटिन के उपयोग से दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी का अस्तित्व खतरे में . बता दे जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सतपति और चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी शुभ्रा रानी द्वारा आजसू पार्टी केंद्रीय महासचिव हरे लाल महतो बंधुओ पर अवैध पत्थर खनन मामले में बीते महीने ही करवाई हुई थी . अब पत्थर खनन में जिलेटिन विस्फोटक पदार्थ में हरे लाल महतो का नाम आना दोनो मामले एक दूसरे के पूरक साबित हो रहे है. प्रभावित गांवों के ग्रामीण भी पत्थर खनन में विस्फोटक प्रदार्थ जिलेटिन के धमाके से मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान है. स्थानीय पुलिस प्रशासन , वन एवं पर्यावरण प्रदूषण विभाग , जिला खनन विभाग, संयुक्त रूप से निष्पक्ष जांच प्रभावित गांवों के ग्रामीणों की बीच जा कर स्थलीय निरीक्षण करे. कैसे दोनो पंचायतों भादुडीह और चिलगु के दर्जनों गांवों में 20 से 50 फीट तक अवैध पत्थर खनन में जिलेटिन विस्फोट के

उपयोग से हुए गड्ढे में तब्दील गवाही दे रहे है.

पत्थर उत्खनन अधिनियम के अंतर्गत लीज भूमि पर पत्थर खनन डेली प्लानिंग में निर्धारित मात्रा में ही किया जाना है. लेकिन सब कुछ अनदेखी कर पत्थर खनन के नाम पर दोहन , सवाल लीज भूमि की हो या रैयती और खास , ये सब धड़ल्ले से हो रहा है. दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी ईको सेंसिटिव क्षेत्र अंतर्गत चिलगु और भादुडीह पंचायतों के दर्जनों गांवों में जिलेट द्वारा विस्फोट कर या भारी मशीनों पोकलीन, जेसीबी और आधुनिक तकनीक से अत्यधिक ड्रिल कर पत्थर खनन दिन रात जारी है . जिलेटिन विस्फोटक पदार्थ धमाके से जंगली जीव जंतु का अस्तित्व खतरे में है. ये सब आधी हकीकत ,आधा फसाना की तर्ज पर चल रहा है यानी दिखाने के लिए पत्थर खनन लीज चालन के आड़ में अवैध पत्थर खनन का कारोबार . ये है हमारे भावी जनप्रतिनिधि हरे लाल महतो का पत्थर का कारोबार का साम्राज्य

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