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399 पी .विस्फोटक पदार्थ जिलेटिन मामले में राजनीति रसूखदारों के दबाव में क्या पुलिस निष्पक्ष जांच करेगी ?

चांडिल 399 पी विस्फोटक पदार्थ जिलेटिन बरामदगी मामले में क्या पुलिस रसूखदारों और राजनीतिक दलों के दबाब में निष्पक्ष जांच कर पायेगी ? इन सवालों का जवाब ईचागढ़ की जनता भी जानना चाहेगी , की उसका बनने वाला जनप्रतिनिधि बेदाग हो. खैर ये न्यायपालिका का काम है . आरोपी बासुदेव महतो के द्वारा स्वीकारोक्ति बयान को माने तो 7 वर्षो से जिलेटिन विस्फोटक पदार्थ सप्लाई का काम कर रहा था, जिसमे हरे लाल महतो का नाम लिया.और ये भी बताया है की चांडिल थाना क्षेत्र के चिलगु में विस्फोट जिलेटिन पहुंचाना था. जिलेटिन का उपयोग चिलगु और भादुडीह पंचायत अंतर्गत वैध हो या अवैध दोनो ही पत्थर खदानों में जिलेटिन का विस्फोट कर पत्थर खनन कार्य को अंजाम दिया जा रहा है. प्रभावित दर्जनों गांवों के टोला जिसमे प्रमुख रूप से प्रभावित खोखराे, चाकुलिया,सालगडीह, चिलगू, तुलीन , ट्यूलॉन्ग, भादुडीह, धातकीडीह, गैलेक्सी फैक्टरी के समीप, गुडहाडीह, हारोडीह, मानिकुई, मुदीडीह, कटिया सहित आदि में ग्रामीणों के घर क्षतिग्रस्त हो रहे है दिवारे दरक रही है . साथ ही जिलेटिन के धमाके से प्रभावित ग्रामीणों का जीवन सिसक रहा है. ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय पुलिस प्रशासन से शिकायत की हुआ कुछ नही सिर्फ मैनेज.

*जिलेटिन विस्फोटक पदार्थ के उपयोग* से पूर्व सरकारी कई विभाग है जिनसे अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल किया जाना जरूरी है. जिसमे प्रमुख रूप से विस्फोटक पदार्थ भंडारण अनुज्ञप्ति ( लाइसेंस), प्रदूषण और पर्यावरण विभाग सहित खनन विभाग से जिलेटिन से पत्थर खनन में उपयोग का आदेश जरूरी है.साथ ही विस्फोट से पूर्व सायरन बजा ग्रामीणों को सूचना दिया जाना जरूरी ताकि जान माल की क्षति नहीं हो. इन नियमों को तक में रखकर विस्फोटक पदार्थ जिलेटिन के धमाके से अवैध तरीके से पत्थर खनन हो रहा था और धड़ल्ले से बस्तूर जारी भी है. पूरे प्रक्रिया से पुलिस प्रशासन अनजान नहीं है सब मैनेज है. अब पुलिस प्रशासन की जवाबदेही है की जिलेटिन के आरोपी बासुदेव महतो के बयान पर प्रभावित क्षेत्र के गांवों टोलों के ग्रामीणों से बयान लेकर निष्पक्ष जांच करे .न की किसी भी राजनीति दल सत्ता पक्ष हो या विपक्षी पार्टी एन. डी. ए.घटक दल का रसूखदार नेता हो या आम जनता ?

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