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अस्पताल प्रशासन की अनदेखी: इमरजेंसी में बेड नहीं मिला तो फर्श पर, ही किया मरीज का ईसीजी इलाज, मौत

जमशेदपुर/घाटशिला:

सांस लेने में तकलीफ होने पर m.g.m. पहुंचे थे परिजन

जमशेदपुर:यह तस्वीर कोलहन   के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम की है। रविवार की देर शाम संसाधन के अभाव में एक मरीज की जान चली गई। डिमना रोड निवासी 40 वर्षीय व्यक्ति की तबीयत खराब होने पर परिजनों ने एमजीएम अस्पताल इलाज के लिए पहुंचे थे। अस्पताल के इमरजेंसी में बेड नहीं था।ऐसे में डॉक्टर और नर्स ने मरीज को जमीन पर लेटा कर ही इलाज शुरू किया कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। मरीज के परिजनों ने बताया कि पिछले 3 दिनों से तबियत खराब था मैं बुखार था घर में ही इलाज किया जा रहा था। शाम में अचानक तबीयत खराब हो गई सांस लेने में तकलीफ होने लगी और बेचैनी बढ़ गई थी।आनन-फानन में एमजीएम लेकर पहुंचे तो अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में बेड खाली नहीं था। ना ही कोई ए स्ट्रक्चर खाली था जिसके बाद मरीज को जमीन पर ही लेटा कर इलाज शुरू किया गया। उनका इसीजी भी जमीन पर लिटा कर ही किया गया।इसके बाद उसकी मौत हो गई मृतक के बच्चे भी फर्श पर ही पड़े रो रहे थे।

* मरीजों की संख्या इतनी अधिक की सभी को बेड मिलना मुश्किल
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीजों की संख्या इतनी अधिक है कि सभी कोविड-19 पा रहा है। सरकारी अस्पताल है इसलिए किसी को लौटाया भी नहीं जा सकता है इसलिए जो संसाधन है उसका पूरा उपयोग कर मरीजों का इलाज किया जा रहा है वास्तविक की स्थिति से विभाग को अवगत करा दिया गया है।

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