पूर्वी सिंहभूम जिले का खासकर जमशेदपुर शहर का सबसे बड़ा त्यौहार शारदीय दुर्गा पूजा जिसे 10 दिनों तक शहर और ग्राम वासियों के द्वारा बड़े ही धूमधाम एवं श्रद्धा के साथ मनाया । राष्ट्रीय स्तर पर इसकी एक अपनी अलग पहचान है करोणा महामारी के बंदी के उपरांत थोड़ी राहत के साथ श्रद्धालुओं द्वारा पूरे उत्साह के साथ करोना गाइडलाइन के अंतर्गत यह त्यौहार इस वर्ष मनाया । विगत 9 दिन अच्छी तरह गुजरने के उपरांत तमाम आशंकाओं और कुआशंकाओं को नकार देगी जमशेदपुर की प्रबुद्ध श्रद्धालुओं , पूजा समितियों ,आम जनता और जिला प्रशासन के योग्य प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यकुशलता ने इस वर्ष आयोजित दुर्गा पूजा के विसर्जन कार्य को सफलतापूर्वक ,शांति व्यवस्था और विधि व्यवस्था को सुचारू रूप से स्थापित करते हुए शांति और उत्साह का माहौल में संपन्न हुआ। शहर को छोड़ जिला के सभी प्रखंडों में कमोवेश बड़ी उत्साह और परंपरा के अनुरूप श्रद्धालुओं ने करोना गाइडलाइन का पालन करते हुए विभिन्न पूजा समितियों द्वारा निकाले गए मूर्ति विसर्जन यात्रा का आनंद उठाते हुए मां दुर्गा की प्रतिमाओं का सफलतापूर्वक समयानुसार विसर्जन पूरा हुआ। इससे पूर्व धार्मिक अनुष्ठान के तहत स्थानीय महिलाओं ने सिंदूर खेला के उपरांत मां दुर्गा की पूजा अर्चना कर प्रतिमा को सम्मान पूर्वक विदा किया।देर रात्रि 10:00 बजे तक जमशेदपुर के एवं जिला के अन्य नदी घाटों में विसर्जन कार्य संपन्न होता रहा ।जिला में आयोजित लगभग 585 पूजा समितियों के द्वारा मूर्ति विसर्जन कार्य संपन्न हुए। कहीं से भी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली ।विसर्जन का कार्य सुबह 9:00 बजे से ही प्रारंभ हो चुका था। विसर्जन कार्य मुख्य रूप से स्वर्णरेखा घाट, बोधनवाला घाट, बडौदा घाट, भुईयाडीह घाट, नरवा घाट, जादूगोड़ा घाट, घाटशिला स्थित मऊ भंडार घाट एवं काफी संख्या में स्थानीय तालाबों में विसर्जन के कार्य संपन्न हुए इस दौरान जिला प्रशासन , पूर्वी सिंहभूम सेंट्रल दुर्गा पूजा समिति ,जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति, स्थानीय जनप्रतिनिधियों ,एनसीसी ,विभिन्न सामाजिक स्वयंसेवी संगठनों ,सिविल डिफेंस, चिकित्सकों का दल ,अग्निशमन सेवा , गोताखोरों का सहयोग बना रहा। इस तरह से इस क्षेत्र का सबसे बड़ा त्यौहार शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।