*।। बच्चों को पढ़ाई के लिए नही बल्कि कुतों को रहने के लिए बनाया गया है यह साठ लाख की इमारत ।।*
।। जिनके जम्मे था साठ -साठ लाख के लागत से दो भवनों का निर्माण कार्य, वही दे रहे हैं ऐसा ब्यान ।।
चतरा :- चतरा जिले के कान्हाचट्टी प्रखंड क्षेत्र स्थित जोरी तथा मनगढ़ा गांव में बच्चों को पढने के लिए उच्च विद्यालय निर्माण कराया गया पर सरकार के इस सार्थक पहल का संवेदक तथा पदाधिकारी दोनों मिलकर पानी फेरने में लगे हुए हैं। ज्ञात हो कि इन दोनों ही स्थानों पर साठ लाख की लागत से इमारत का निर्माण कराया जा रहा है परंतु इस इमारत में लगने वाला सामग्री काफी घटिया व भारी अनियमितता बरती गई है । विद्यालय का भवन अभी बनकर पूर्ण भी नहीं हुआ है कि अभी से ही यह विद्यालय खंडहर का रूप लेता जा रहा है। एक तरफ जहां कमरे में लगाए गए दरवाजे लगना बंद हो गया हैं तो वही कमरे का फर्श में लगाए गए मार्बल का पता ही नहीं चल पाता है ।यह हाल जोरी गांव में बननेवाला उच्च विद्यालय भवन का है तो वही मनगड़ा का विद्यालय भवन के आसपास उगी झाड़ियों तथा टूटी खिड़की इसके जर्जर होने का साफ संकेत दे रहा है कि स्कूल भूत बंगले में तब्दील हो गया है । गाँव के किनारे बने यह भवन इनदिनों पंछियों व जानवरों का बसेरा बना हुआ है। इस संदर्भ में जब जोरी गांव के ग्रामीणों ने विद्यालय निर्माण करा रहे पेटी कांट्रेक्टर से दूरभाष के माध्यम से संपर्क करके भवन की जर्जर स्थिति तथा इसमें लग रहे हटिया सामग्री की बात कही तो पेटी कॉन्ट्रैक्टर ने अपने बेबाक लहजे में कहा कि इस विद्यालय का निर्माण बच्चों के पढ़ने के लिए नहीं बल्कि कुत्तों को रखने के लिए कराया जा रहा है । भले ही यह बात कुछ लोगों को अटपटा सा लगता है परंतु इसका जमीनी सच्चाई कुल मिलाकर यही है क्योंकि इस भवन में अधिकांश पैसों की निकासी किया जा चुका है जबकि निर्माण का कार्य आज ही आधा अधूरा ही हो पाया है। दोनों विद्यालय का निर्माण कार्य वर्ष 2017- 18 प्रारंभ हुआ था जो आजतक निर्माणाधीन है ।इसके संवेदक रांची के आशुतोष सिंह हैं जो कभी भी भवन निर्माण कार्य का सुध लेने तक नहीं आते हैं और यह सारा काम एक पेटी कॉन्टैक्टर के जरिए कराया जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि 16 वर्षो से जमे कनीय अभियंता श्यामनारायण आंख बंद कर मापी पुस्तिका भरते गए और संवेदक राशि की निकासी करते गया । आज यह दोनों विद्यालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है ।