जमशेदपुर, जुस्को श्रमिक यूनियन के विपक्षी खेमे ने यूनियन के निवर्तमान अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय को चुनौती दी है कि यदि है हिम्मत तो उनकी चुनौती को रघुनाथ पांडेय और उनके समर्थक स्वीकार करें। दरअसरल, विपक्ष की कमेटी ने पिछले दिनों बयान जारी किया था।
जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए रघुनाथ समर्थकों ने चुनाव पर रोक के लिए विपक्ष के सदस्यों को इसके लिए जिम्मेदार बताया था। लेकिन विपक्ष ने नहले पर दहला फेंक कर सीधे रघुनाथ पांडेय और उनके समर्थकों को चुनौती दी है। कहा है कि यदि रघुनाथ पांडेय या उनके समर्थक साबित कर दें कि उनकी वजह से चुनाव पर रोक लगी है कि तो विपक्ष के सभी सदस्य सामूहिक रूप से यूनियन की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि जुस्को यूनियन चुनाव में उल्टा चोर कोतवाल को डांटे कहावत चरितार्थ हो रही है। उनका कहना है कि रघुनाथ पांडे और उनके समर्थकों को कर्मचारियों को ये बताना चाहिए कि केस जो उन्होंने किया है वह किस परिस्थिति में किया है। क्योंकि विपक्ष ने तो आमसभा में हुई धांधली के खिलाफ सक्षम पदाधिकारी से शिकायत की थी। इस पर श्रम विभाग ने जब रघुनाथ पांडेय को पूरे मामले में जवाब मांगा तो ये अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया और हाईकोर्ट में केस (3795/2020) दायर कर दिया और विपक्ष पर आरोप लगा रहे हैं कि हम केस उठा लें तो चुनाव हो जाएगा। लेकिन रघुनाथ पांडेय ने झूठ बोलने की सारी हदें पार कर दी है।
इन्होंने जारी किया है बयान
विपक्ष के सदस्य मनीष दुबे, गोपाल जायसवाल, गोविंद झा, फिरोज अली, रुपु भगत एवं उमेश राय ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि रघुनाथ पांडेय द्वारा किए गए केस में वे केवल कर्मचारियों की बात रखने के लिए कोर्ट में इंटरवेनर बने हैं तो कोर्ट से केस उठाने की बात कहां से आ गई है। जबकि सच्चाई ये है कि रघुनाथ पांडेय घूम-घूमकर चुनाव पर रोक के लिए उन्हें दोष दे रहे हैं। विपक्ष ने रघुनाथ पांडेय और उनके समर्थकों को सीधी चुनौती दी है कि यदि रघुनाथ समर्थक साबित कर दें कि चुनाव उनके कारण लंबित है तो वे सामूहिक रूप से यूनियन से इस्तीफा दे देंगे। लेकिन रघुनाथ पांडेय व उनके समर्थक यह साबित नहीं कर पाए तो रघुनाथ पांडेय, जो अनाधिकृत रूप से यूनियन कार्यालय में कब्जा जमाए बैठे हैं, उन्हें कार्यालय छोड़ना होगा। साथ ही विपक्ष के सदस्यों पर आरोप लगाने वाले सभी सदस्यों को भी यूनियन की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा। विपक्ष के सदस्यों का कहना है कि रघुनाथ पांडेय व उनके समर्थकों में हिम्मत है तो उनकी चुनौती स्वीकार करें।