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Tue. Feb 4th, 2025

चीन को एक और झटका देने की तैयारी में भारत, अब Huawei को भी किया जा सकता है बैन

सुरक्षा कारणों की वजह से भारत सरकार चीन की हुआवेई को बैन करने की तैयारी कर रही है। जून तक इसको लेकर फैसला ले सकती है। भारत सरकार के दो अधिकारियों ने कहा है कि चीन के हुआवेई द्वारा बनाए गए दूरसंचार उपकरणों के उपयोग से भारत के अपने मोबाइल कैरियर को रोक सकती है।

भारत सरकार सुरक्षा आशंका और भारतीय निर्माताओं की अधिक दूरसंचार उपकरण बनाने की इच्छा के कारण चीनी कंपनियों को बैन करने के मूड में है। आपको बता दें कि इससे पहले ने हुओवाई को अपने देश में बैन कर दिया था। लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव के कारण से अब भारत में भी इसे बल मिलता दिख रहा है।

सरकार जारी कर सकती है ब्लैकलिस्ट कंपनियों की लिस्ट

भारत के दूरसंचार विभाग के दो अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स सो बुधवार को कहा कि 15 जून के बाद मोबाइल कैरियर कंपनी केवल सरकार द्वारा अनुमोदित कंपनियों से ही कुछ तय उपकरण खरीद सकती हैं।

इतना ही नहीं सरकार उन कंपनियों की भी लिस्ट जारी कर सकती है, जिनसे उपकरण नहीं खरीदने हैं। हुआवेई को भी इस सूची में शामिल करने की संभावना है। अधिकारियों ने यह भी कहा, “अगर कोई निवेश राष्ट्रीय सुरक्षा में जोखिम पैदा करता है तो हम आर्थिक लाभ को प्राथमिकता नहीं दे सकते।”

ZTE के खिलाफ भी एक्शन के मूड में सरकार

हालांकि, एक तीसरे अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि एक और चीनी कंपनी ZTE कॉर्प को भी बैन किया जा सकता है। हालांकि इसकी भारत में उपस्थिति कम है। दोनों कंपनियों पर चीनी सरकार के लिए जासूसी करने के आरोप लग चुके हैं। हालांकि दोनों ने आरोपों से इनकार किया है।

एयरटेल और वोडाफेन जैसी कंपनी करती है हुआवेई के उपकरणों का इस्तेमाल

आपको बता दें कि भारत के तीन बड़े टेलीकॉम कैरियर में से दो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया, हुआवेई गियर का उपयोग करते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि हुआवेई गियर पर किसी भी प्रतिबंध से लागत बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि चीनी फर्म के उपकरण और नेटवर्क रखरखाव अनुबंध आमतौर पर एरिक्सन और नोकिया जैसे यूरोपीय प्रतियोगियों की तुलना में सस्ते हैं।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया, “हमने चीन से भी निवेश प्रस्तावों को कुछ मंजूरी देनी शुरू कर दी है, लेकिन हम टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर और फाइनेंशियल जैसे क्षेत्रों में कोई मंजूरी नहीं देंगे।” अधिकारियों ने यह भी कहा कि भारत 100 से अधिक चीनी मोबाइल ऐप पर पिछले साल के प्रतिबंध को हटाने या चीनी कंपनियों को एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम जैसी राज्य-संचालित फर्मों में काम करने की अनुमति देने की संभावना नहीं है।

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