आज पलामू के वरिष्ठ पत्रकार एस.एस. रूबी और धनबाद के रवि शर्मा का निधन हो गया है.इस दुखद समाचार से एआईएसएम जर्नलिस्ट वैलफेयर ऐसोसिएशन के सभी सदस्य मर्माहत हैं.ऐसोसिएशन के बिहार/झारखंड प्रभारी प्रीतम सिंह भाटिया ने शोक जताते हुए कहा है कि इस वर्ष कई पत्रकार साथियों का देहांत हुआ जो दुखद घटना है.उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पत्रकार साथियों को कोई मदद तो नहीं मिली और यहाँ तक की श्रद्धांजलि और शोक संवेदना के संदेश भी छोटा-बडा़ पत्रकार देखकर दिया जा रहा है.
ऐसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह ने शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि जिस जिले में पत्रकार का निधन हो कम से कम उस जिले के कोई भी प्रशासनिक अधिकारियों को सरकार की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए तत्काल पुष्पांजलि और आर्थिक सहयोग करनी चाहिए,क्योंकि सभी जानते हैं कि कोरोना में बहुत से पत्रकार साथियों की आर्थिक स्थिति खराब हुई है.उन्होने कहा कि दुमका के पत्रकार बरुण शाहा के निधन से परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई सरकार या स्थानीय सांसद और विधायक ने आर्थिक मदद देना तो दूर अंतिम संस्कार में शामिल होना भी उचित नहीं समझा.
प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शंकर गुप्ता ने कहा कि पत्रकार साथियों का जाना दिल को झकझोर देता है.आज दो पत्रकार साथियों रूबि और रवि जी का निधन हो गया दो दिन पहले राँची इटकी के अजय कुमार और उससे पहले दुमका में बरूण शाहा का निधन बहुत ही दुखद है.कल मिलाकर 7 दिनों में 4 पत्रकार साथियों के निधन से पत्रकार जगत स्तब्ध है.
प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद सईद ने कहा कि सरकार को चाहिए कम से कम ऐसे पीड़ित परिवारों को तत्काल 5 लाख की सहायता दे.
प्रदेश सलाहकार राघव सिंह ने कहा कि आर्थिक सहयोग करने के साथ ही यह सुनिश्चित करें कि सरकार की ओर से शोक संदेश भी जारी हों और सरकार के स्तर से ही स्थानीय प्रशासन पत्रकारों की अंत्येष्टि में शामिल होकर शोक संदेश और पुष्पांजलि दें.
उन्होंने कहा कि शोक संदेश देने में सत्ता और विपक्ष अक्सर छोटा बड़ा और चर्चित पत्रकार का पैमाना अपनाकर पत्रकार साथियों का अपमान करना बंद करे.