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Tue. Feb 4th, 2025

GST का घोटाला: फर्जी कंपनी बनाकर सरकार को लगाया 50 करोड़ का चूना, ये है पूरा मामला

जीएसटी (Goods and Services Tax) फर्जीवाड़े के मामले में अधिकारियों ने खरीद-फरोख्त के फर्जी फर्म ऑपरेटर्स का भांडाफोड़ किया है. इस गोरखधंधे में ​फर्जी फर्म बनाकर 50.24 करोड़ रुपये का कर-क्रेडिट का लाभ ​दिलवाया गया. मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई कर रहे एक शख्स, एक सीए फर्म के पार्टनर और 115 फर्जी फर्म ऑपरेटर्स को गिरफ्तार किया है. ये लोग फर्जी बीजकों का लेन-देन करते थे और कमीशन ले कर फर्जी बिल काट कर दूसरों को जारी करते थी.

इस फर्जीवाड़े को डेटा माइनिंग और डेटा एनालिटिक्स की मदद से पकड़ा गया है. सीए के थर्ड इयर के स्टूडेंट मनीष कुमार खत्री को इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.

आरोप है कि वो इस तरह के 115 फर्जी फर्म के रजिस्ट्रेशन में शामिल था और अपात्र फर्मों को गलत तरीके से जीएसटी पेमेंट हासिल करने के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट पाने में उसने मदद भी की.

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक वड़ोदरा और अहमदाबाद कमिश्नरी जीएसटी एरिया में ऐसे 55 संदिग्ध फर्मों का रजिस्ट्रेशन किया गया है. इसके अलावा बाकी गांधीनगर, भिवंडी, जोधपुर, भावनगर और ठाणे कमिश्नरी के तहत भी संदिग्ध फर्म रजिस्टर किए गए. ये फर्म बिना सामान आपूर्ति के ही फर्जी इनवाइस जारी कर रहे थे, जिसके बलबूते फर्जी बिल के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लिया जा रहा था.

मिली जानकारी के मुताबिक जीएसटी रिटर्न के फर्जी लेन-देन लिए इस्तेमाल किए जा रहे आईपी एड्रेस को ट्रेस कर लिया गया है. साथ ही उन मोबाइल नंबर्स की डिटेल भी मिल गई हैं जिनके जरिए जीएसटी संबंधी कार्य के लिए ओटीपी लिया जाता था. जिन जगहों से फर्जी फर्मों का रजिस्ट्रेशन हुआ और जीएसटी रिटर्न फाइल किया गया उनकी भी पहचान हो गई है.

सूत्रों के अनुसार

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